उत्तराखंड के नैनीताल जिले के बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान हुए गोलीकांड के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। इस मामले में नामजद हेमंत ब्लोटी को नैनीताल हाईकोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ में हुई। कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में जवाब भी मांगा है।
हेमंत ब्लोटी ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि 14 अगस्त 2025 को बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के दौरान दो पक्षों के बीच फायरिंग हुई थी। इस फायरिंग में एक व्यक्ति घायल हुआ था। हेमंत का दावा है कि इस घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी पुलिस ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द किया जाए क्योंकि पुलिस के पास उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है।
कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए हेमंत ब्लोटी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और राज्य सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
बता दें कि 14 अगस्त 2025 को बेतालघाट में ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के दौरान मतदान चल रहा था। उसी दौरान एक प्रत्याशी के समर्थकों ने विरोधी गुट पर पिस्टल से कई राउंड फायरिंग कर दी। फायरिंग में महेंद्र सिंह बिष्ट नाम के व्यक्ति को गोली लग गई और वह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
घटना के बाद मतदान केंद्र पर अफरा-तफरी मच गई और लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। आरोपी मौके से फरार हो गए। फायरिंग की इस घटना ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी और पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे।
पुलिस ने मामले की जांच करते हुए कई आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही भवाली के सीओ प्रमोद शाह और बेतालघाट थानाध्यक्ष अनीश अहमद के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की गई। वहीं, गैंग लीडर अमृतपाल उर्फ पन्नू समेत 16 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
इस मुद्दे को कांग्रेस ने जोर-शोर से उठाया और मानसून सत्र के दौरान गैरसैंण विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया। भारी हंगामे के चलते विधानसभा की कार्यवाही को जल्द ही स्थगित करना पड़ा।