देशभर में चुनाव के दौरान डुप्लीकेट और फर्जी वोटिंग को लेकर कांग्रेस लगातार सवाल उठा रही है, लेकिन उत्तराखंड में 2027 विधानसभा चुनाव से पहले चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान को लेकर पार्टी की भूमिका उदासीन दिखाई दे रही है। खास तौर पर ब्लॉक लेवल एजेंट (BLA-1 और BLA-2) की नियुक्ति के मामले में कांग्रेस सहित राजनीतिक दलों की भागीदारी बेहद सीमित है।
हाल ही में उत्तराखंड के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश के 11,733 मतदान बूथों पर मौजूद छह राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने अब तक केवल लगभग 4,155 BLA-2 ही नियुक्त किए हैं। यह संख्या पूरे देश में उत्तराखंड और पंजाब में सबसे कम बताई जा रही है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय जोगदंडे के अनुसार, SIR सर्वे में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका तय की गई है ताकि मतदाता सूची को पारदर्शी और त्रुटिरहित बनाया जा सके और भविष्य में किसी भी चुनाव प्रक्रिया पर पक्षपात के आरोप न लगें। नियमों के तहत राजनीतिक दलों को विधानसभा स्तर पर BLA-1 और बूथ स्तर पर BLA-2 नियुक्त करना अनिवार्य है।
उत्तराखंड में छह राष्ट्रीय राजनीतिक दल—भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, भारतीय समाजवादी पार्टी, सीपीआई(एम) और एनपीपी—इस प्रक्रिया में शामिल हैं। राज्य की क्षेत्रीय पार्टी उत्तराखंड क्रांति दल इनमें शामिल नहीं है।
आंकड़ों के मुताबिक, अब तक भाजपा ने 2,836 BLA-2 नियुक्त किए हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से केवल 1,259 BLA-2 ही नियुक्त किए गए हैं। कुल मिलाकर सभी दलों द्वारा की गई नियुक्तियां बेहद कम हैं, जिसे निर्वाचन आयोग SIR सर्वे की सफलता के लिए चिंताजनक मान रहा है।


