उत्तराखंड के सरकारी तंत्र में जहां प्रकरणों के समाधान के लिए स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित है, वहीं लोक निर्माण विभाग (PWD) के लोहाघाट कार्यालय से सामने आया एक पत्र सरकारी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहा है। इस पत्र में एक अधिकारी की सेवा पुस्तिका के गायब होने के मामले में न्याय पाने के लिए “दैवीय सहारा” लेने की बात कही गई है।
यह मामला लोहाघाट स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय का है, जहां एक अपर सहायक अभियंता की सेवा पुस्तिका लापता हो गई। दस्तावेज़ के नहीं मिलने पर विभागीय कर्मचारियों ने एक असामान्य सुझाव दिया, जिसमें कहा गया कि मामले के समाधान के लिए दैवीय आस्था का सहारा लिया जाए। यह सुझाव एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से अधिशासी अभियंता के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और अब लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। पत्र में दैवीय शक्ति की शरण में जाने की सिफारिश ने कई लोगों को चौंका दिया है, क्योंकि सरकारी तंत्र में आमतौर पर मामलों के निपटारे के लिए ठोस साक्ष्यों और प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
इस घटनाक्रम ने सरकारी कार्यालयों में दस्तावेज़ों के रख-रखाव और जवाबदेही को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, लोहाघाट पीडब्ल्यूडी कार्यालय की ओर से इस मामले पर कोई औपचारिक बयान जारी नहीं किया गया है।