उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तरकाशी जनपद के बड़कोट नगर पालिका चुनाव में वोटर सूची में दोहरी प्रविष्टियों को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य चुनाव आयोग से 28 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक माहरा की खंडपीठ ने आयोग से स्पष्ट करने को कहा कि 2695 दोहरे नामों वाले वोटरों के बारे में अब तक क्या निर्णय लिया गया है।
याचिकाकर्ता राम सिंह, निवासी बड़कोट, ने जनहित याचिका में आरोप लगाया है कि बड़कोट नगर पालिका की कुल जनसंख्या 10,555 है, जिसमें 10,321 मतदाता दर्ज हैं। परंतु हाल ही में 1,000 अतिरिक्त वोटरों को सूची में शामिल कर दिया गया है, जिनकी पहचान स्पष्ट नहीं है। इस संबंध में शिकायत एसडीएम से की गई थी, जिन्होंने जांच के बाद पाया कि 2695 मतदाताओं के नाम दोहरी सूची में दर्ज हैं। उन्होंने यह रिपोर्ट राज्य चुनाव आयोग को भेजी थी, जिसे अब कोर्ट ने 28 जुलाई तक प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
उच्च न्यायालय ने ग्राम सभा बढ़िया खटीमा से प्रधान पद के उम्मीदवार अशोक कुमार मौर्य द्वारा नामांकन निरस्तीकरण के खिलाफ दायर याचिका को भी खारिज कर दिया। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि यदि नामांकन गलत आधार पर निरस्त किया गया है, तो याचिकाकर्ता चुनाव याचिका के माध्यम से चुनौती दे सकते हैं।
कोर्ट में पेश विभागीय अधिकारियों ने बताया कि अशोक कुमार मौर्य पर सरकारी भूमि पर अतिक्रमण का आरोप है। जांच में 80 लोगों को अतिक्रमण का दोषी पाया गया था, जिन्हें पहले ही नोटिस जारी किया गया था। बार-बार नोटिस देने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटाया गया, जिस कारण नामांकन निरस्त किया गया। पूर्व में इस याचिका को उच्च न्यायालय की एकलपीठ ने भी निरस्त कर दिया था, जिसे अब खंडपीठ ने सुनवाई के बाद बरकरार रखा।