महाकुंभ मेला, बुधवार तड़के मौनी अमावस्या पर, श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के कारण कई लोगों के घायल होने की संभावना जताई जा रही है। इस घटना के बाद सभी अखाड़ों ने निर्णय लिया है कि वे इस दिन अमृत स्नान नहीं करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मेला की स्थिति पर बातचीत की।
मेला के विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने पत्रकारों को बताया कि संगम नोज पर बैरियर टूटने से भगदड़ की स्थिति बनी, जिसमें कई लोग घायल हुए हैं और उनका इलाज जारी है। घायलों को मेला क्षेत्र में बने अस्पतालों में भर्ती किया गया है, जहां उनके रिश्तेदार भी पहुंच गए हैं।
इस बीच, अमृत स्नान के लिए पहुंचे पहले अखाड़ा महानिर्वाणी ने बिना स्नान किए वापस लौटने का फैसला किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने बताया कि घटना को देखते हुए परिषद ने यह निर्णय लिया कि सभी अखाड़े इस दिन अमृत स्नान नहीं करेंगे। अस्पताल के बाहर रोते हुए एक महिला श्रद्धालु सरोजनी ने बताया, “हमारी दो बसों में 60 लोग थे। हम नौ लोग एक समूह में थे, लेकिन अचानक धक्का-मुक्की हुई, कई लोग गिर गए, और हम फंस गए। भीड़ बेकाबू हो गई।”
महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि सभी संत महात्माओं के लिए स्नान की तैयारी थी, लेकिन हादसा होने के बाद जनहित में यह निर्णय लिया गया कि मौनी अमावस्या पर स्नान नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमने मोबाइल में देखा और अधिकारियों से भी सुना कि हादसा हुआ है। सभी अखाड़ों ने यह निर्णय लिया कि हम इस दिन स्नान नहीं करेंगे। अगला स्नान बसंत पंचमी को होगा। हमें बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा है, और हम सभी को जनहित में निर्णय लेने होंगे। श्रद्धालुओं से अपील है कि वे संयम रखें और जो लोग स्नान कर चुके हैं, वे वापस अपने गंतव्यों को लौटें।”
कुंभ मेला की परंपरा के अनुसार, सन्यासी, बैरागी और उदासीन अखाड़े क्रमबद्ध तरीके से संगम तट पर स्नान करते हैं, जिसमें सबसे पहले पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी स्नान करता है। मेला प्रशासन ने मंगलवार को श्रद्धालुओं के लिए निर्देश जारी किए थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (कुंभ) राजेश द्विवेदी ने श्रद्धालुओं से अपील की कि सभी घाट संगम घाट हैं और वे जिस घाट पर पहुंचे, वहीं स्नान करें। उन्होंने अफवाहों से बचने की भी सलाह दी। उल्लेखनीय है कि मौनी अमावस्या से एक दिन पहले, मंगलवार को रात आठ बजे तक 4.83 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था, जबकि मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ लोग संगम में डुबकी लगा चुके थे।