उत्तराखंड के उपनल कर्मियों के लिए खुशखबरी है। सरकार ने उपनल (UPNL) के माध्यम से कार्यरत हजारों कार्मिकों के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनके वेतन और सेवा शर्तों में बड़ा सुधार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद लिया गया यह निर्णय 2018 में नैनीताल उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन और उपनल प्रतिनिधियों के साथ हुई उच्च-स्तरीय बैठक के बाद सामने आया है।
सैनिक कल्याण सचिव दीपेन्द्र चौधरी द्वारा निगम प्रबंध निदेशक को भेजे गए परिपत्र में कहा गया है कि राज्य सरकार के अधीन विभागों एवं संस्थानों में UPNL के माध्यम से तैनात वे कार्मिक, जिन्होंने 12 वर्ष या अधिक की निरंतर सेवा पूरी कर ली है, उन्हें अब समान कार्य–समान वेतन के सिद्धांत के तहत वेतनमान का न्यूनतम वेतन और महंगाई भत्ता (DA) प्रदान किया जाएगा।
इसके साथ ही, ऐसे अन्य उपनल कर्मचारी जिन्होंने क्रमशः निरंतर सेवाएँ पूर्ण की हैं, उन्हें भी जल्द ही न्यूनतम वेतन व डीए उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। शासन ने स्पष्ट किया है कि इस संबंध में औपचारिक आदेश शीघ्र जारी किए जाएंगे, ताकि योग्य कार्मिकों को समय पर लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार उपनल कार्मिकों के हितों की रक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनके दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए लगातार सकारात्मक निर्णय लिए जा रहे हैं। उपनल कर्मचारियों के लिए इसे लंबे समय से लंबित मांगों की दिशा में एक बड़ी राहत और महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।


