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चमोली एवलांच…सुरक्षित निकाले गए 33 श्रमिक, राहत कार्यों की सीएम कर रहे समीक्षा

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की स्थिति पर देर रात राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क में पहुंचकर अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की। इस बैठक में उन्होंने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और रेस्क्यू अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए।

जोशीमठ में आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सर्च ऑपरेशन में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि जोशीमठ में भी एक आपदा कंट्रोल रूम की स्थापना की जाए। उन्होंने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और सेना को आपसी सहयोग से बर्फ हटाने के काम को तेज करने की बात कही। साथ ही, उन्होंने माणा स्थित हेलीपैड को प्राथमिकता से खोलने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी अस्पतालों में आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएं और एम-आई 17 हेलीकॉप्टर की सहायता से घायलों को जल्दी से जल्दी अस्पतालों में लाया जाए।

33 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

अब तक 33 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, और अन्य फंसे हुए लोगों की तलाश जारी है। बीआरओ के स्नो कटर और अन्य उपकरणों की मदद से लगातार बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। एम-आई 17 हेलीकॉप्टर भी अगले दिन माणा क्षेत्र के लिए रवाना होंगे।

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रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से घटनास्थल पर आवागमन को सुनिश्चित करने और हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने का निर्देश दिया, ताकि राहत कार्यों में तेजी लाई जा सके। उन्होंने रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर की मदद लेने की सलाह दी। घायलों को एयर एंबुलेंस के माध्यम से एम्स ऋषिकेश भेजने की पूरी तैयारी की जाएगी। जिला प्रशासन को लगातार समन्वय बनाए रखने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आदेश भी मुख्यमंत्री ने दिया।

हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायुसेना और अन्य एजेंसियां राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर सेवाएं फिलहाल उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं। आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार बर्फ हटाने में लगी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालना है। प्रभावितों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।

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राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार से लगातार संपर्क में है। प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर रेस्क्यू अभियान में किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता पड़ी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि बर्फबारी के कारण रास्ते अवरुद्ध हो रहे हैं, लेकिन जैसे-जैसे मौसम में सुधार होगा, राहत कार्य तेज किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी से घटना की पूरी जानकारी ली। जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किलोमीटर पहले हुआ था, जहां सीमा सड़क संगठन के बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे। राहत कार्यों में आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें जुटी हैं। अब तक 32 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है और शेष लोगों की खोज जारी है।

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मुख्यमंत्री की स्थिति की नियमित समीक्षा

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने रात 8 बजे दोबारा आपदा कंट्रोल रूम का दौरा किया और राहत कार्यों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए प्रतिबद्ध है। सभी राहत दल युद्ध स्तर पर कार्य कर रहे हैं, और जल्द ही सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा।

आपदा के दृष्टिगत रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हो रही भारी वर्षा और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हो रहे हिमपात के दृष्टिगत सभी जिलाधिकारियों से समन्वय बनाए रखने की सलाह दी, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति का त्वरित ढंग से सामना किया जा सके। मुख्यमंत्री ने आपदा की स्थिति में रिस्पॉन्स टाइम को कम से कम रखने के निर्देश भी दिए।

हिल दर्पण डेस्क

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