उत्तराखंड एसटीएफ ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई की है। एसटीएफ ने कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया है। पिथौरागढ़ में तैनात आरक्षी शेर सिंह और आरक्षी हसन अब्बास जैदी पर गैंग से जुड़े होने और पीड़ित परिवार को धमकाकर उनकी जमीन बेचने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। शेर सिंह ने रुड़की कोर्ट परिसर में पीड़ित परिवार को गैंग के सदस्यों से मिलवाया था, जबकि हसन अब्बास ने रुड़की अस्पताल में धमकियां दीं।
इससे पहले एसटीएफ ने प्रवीण वाल्मीकि के रिश्तेदार और भाजपा पार्षद मनीष बोलर को भी गिरफ्तार किया था, जो जमीन के फर्जी सौदों में शामिल था। मामला 2014 में श्याम बिहारी की मौत से शुरू हुआ, जिनकी करोड़ों की संपत्ति पर गैंग की नजर थी। 2018 में श्याम के छोटे भाई कृष्ण गोपाल की हत्या कर दी गई। इसके बाद गैंग ने श्याम की पत्नी रेखा और उसके परिवार को धमकाकर उनकी जमीन बेचने के लिए दबाव डाला।
एसटीएफ को एक अज्ञात शिकायत के आधार पर जांच में पुलिसकर्मियों और गैंग के बीच कॉल डिटेल्स और मुलाकात के ठोस सबूत मिले। इसी के आधार पर दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर ने स्पष्ट किया है कि प्रवीण वाल्मीकि गैंग को पूरी तरह खत्म किया जाएगा और अपराधियों से जुड़े किसी भी पुलिसकर्मी को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में कुछ आरोपी अभी भी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है।