आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राजनीतिक बदलाव तेज हो गए हैं। एक ओर जहां आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी झटके मिल रहे हैं, वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) को भी नई ताकत मिल रही है।
रविवार को दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सरदार हरशरण सिंह बल्ली ने बीजेपी का दामन थाम लिया। बल्ली के साथ उनके बेटे सरदार गुरमीत सिंह ‘रिंकू’ बल्ली ने भी भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। दिल्ली भाजपा प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा और पार्टी नेताओं सुभाष आर्य तथा सुभाष सचदेवा की उपस्थिति में बल्ली और उनके बेटे ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
यह एक बड़ी राजनीतिक उलटफेर है, क्योंकि हरशरण सिंह बल्ली की भाजपा में वापसी चार साल बाद हुई है। उन्होंने जनवरी 2020 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मौजूदगी में भाजपा छोड़कर आम आदमी पार्टी जॉइन की थी। अब, वे भाजपा में लौटे हैं, जिससे दिल्ली की राजनीति में एक नई हलचल पैदा हो गई है।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस से भी कुछ बड़ी घटनाएँ घटित हुईं। दिल्ली विधानसभा में सीलमपुर से पांच बार के विधायक मतीन अहमद ने भी रविवार को आम आदमी पार्टी में शामिल होने का ऐलान किया। इसके साथ ही, उनके बेटे चौधरी जुबैर अहमद और उनकी पार्षद पत्नी शगुफ्ता चौधरी ने भी 29 अक्टूबर को AAP जॉइन किया था। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मतीन अहमद को पार्टी में शामिल होने पर बधाई दी और कहा कि यमुना पार क्षेत्र में चौधरी मतीन अहमद ने हमेशा जनता की सेवा की है और अब वे और उनके परिवार का समर्थन पार्टी को मिलेगा।