उत्तराखंड की पर्यटन नगरी मसूरी में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया है। पुलिस मुख्यालय के निर्देशानुसार चलाए जा रहे ऑपरेशन लगाम के तहत की जा रही कड़ी कार्रवाई पर स्थानीय व्यापारी, भाजपा मंडल और सामाजिक संगठन गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों के साथ उत्पीड़न, अवैध वसूली और मनमानी चालान जैसी कार्यवाही की जा रही है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष जगजीत कुकरेजा और राधा कृष्ण मंदिर समिति के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मसूरी कोतवाली पहुंचा। उन्होंने कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान से मुलाकात कर पुलिस कर्मियों की कथित मनमानी, अभद्रता और अवैध वसूली के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि हाल ही में एक युवक को हेलमेट न पहनने पर ₹3500 का जुर्माना लगाया गया और उसकी स्कूटी ज़ब्त कर ली गई, जबकि युवक ने कोई गंभीर नियम उल्लंघन नहीं किया था। व्यापारियों का कहना है कि इस प्रकार की सख्त कार्रवाई न सिर्फ नियमों के विरुद्ध है, बल्कि मसूरी की पर्यटन छवि को भी नुकसान पहुंचा रही है।
भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा, “मसूरी पहले ही प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक रूप से प्रभावित है। ऐसे समय में पुलिस की मनमानी से स्थानीय लोग और व्यापारी परेशान हैं। अगर अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो हम कोतवाली के बाहर धरना देंगे।”
व्यापारियों ने एक कांस्टेबल और एक एसआई पर स्थानीय जनता से पैसे वसूलने और डराने-धमकाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
मसूरी कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि शिकायतों को गंभीरता से लिया जा रहा है और यदि कोई पुलिसकर्मी गलत व्यवहार करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन लगाम केवल यातायात सुधार के लिए शुरू किया गया है, जनता को परेशान करने के लिए नहीं।
कोतवाल ने कहा कि “पुलिसकर्मियों को पहले ही निर्देश दिए गए हैं कि मसूरी एक पर्यटन स्थल है, इसलिए व्यवहार में संयम और विनम्रता बरतनी होगी। किसी के साथ अन्याय हुआ है तो उसकी पूरी जांच की जाएगी।”
