हल्द्वानी नगर निगम के आगामी चुनावों के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। कांग्रेस ने अपने मेयर प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है, जबकि भाजपा इस बार मेयर प्रत्याशी के चयन में उलझी हुई है। हालांकि, भाजपा ने हल्द्वानी के मेयर पद के लिए संभावित उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा दी है, लेकिन अंतिम फैसला अब तक टला हुआ है। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, पार्टी किसी भी वक्त, शायद आज देर रात या फिर कल, अपने मेयर प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर सकती है।
हल्द्वानी नगर निगम के चुनावों में भाजपा ने पिछले दो चुनावों में लगातार जीत दर्ज की है। 2013 और 2018 में हुए चुनावों में भाजपा ने अपनी मजबूत स्थिति बनाए रखी। खासकर, 2013 में नगर पालिका को नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद भाजपा ने डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला को मेयर पद का उम्मीदवार बनाकर विजय हासिल की थी। वहीं, 2018 में नगर निगम के क्षेत्र में 36 गांवों को शामिल कर वार्डों की संख्या बढ़ाकर 60 कर दी गई थी। इस बार भी भाजपा के डॉ. रौतेला ने मेयर पद पर अपनी जीत दर्ज की थी।
इस बार भाजपा के पास अपनी ‘हैट्रिक’ बनाने का मौका है, लेकिन कांग्रेस इसे रोकने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि इस बार भाजपा के लगातार जीत के सिलसिले को तोड़ा जा सकता है।
कांग्रेस ने हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में भाजपा को चुनौती देने के लिए ललित जोशी पर भरोसा जताया है। ललित जोशी कांग्रेस के मजबूत और लोकप्रिय नेता हैं, जो पार्टी को मेयर पद की रेस में एक मजबूत विकल्प प्रदान करते हैं। उनकी पृष्ठभूमि और स्थानीय स्तर पर प्रभाव को देखते हुए कांग्रेस ने उन्हें अपना मेयर प्रत्याशी चुना है। अब भाजपा के सामने कांग्रेस के ललित जोशी को चुनौती देने की बड़ी जिम्मेदारी है।
भा.ज.पा. ने हालांकि अपने मेयर प्रत्याशी का नाम अभी तक आधिकारिक रूप से घोषित नहीं किया है, लेकिन पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि भाजपा इस बार रेनू अधिकारी पर दांव खेल सकती है। रेनू अधिकारी 2013 के नगर निगम चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार डॉ. रौतेला से हार गई थीं, इस बार पार्टी के लिए एक मजबूत विकल्प हो सकती हैं। अगर भाजपा उन्हें मेयर प्रत्याशी बनाती है, तो यह चुनावी मुकाबला और भी दिलचस्प हो जाएगा, क्योंकि रेनू अधिकारी की स्थानीय राजनीति में पकड़ और पहचान है।
हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच एक कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। जहां भाजपा अपनी ‘हैट्रिक’ बनाने के लिए अपने सबसे प्रभावी चेहरे को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है, वहीं कांग्रेस ने ललित जोशी को अपना उम्मीदवार बनाकर भाजपा के विजय रथ को रोकने का पूरा प्रयास किया है।