नौ साल की बच्ची के साल हैवानियत का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में यूपी के संतकबीरनगर जिले के बखिरा थाने की पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर पूर्व विधायक ताबिश खां समेत दो लोगों के विरुद्ध दुष्कर्म एवं पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
बखिरा थाना क्षेत्र निवासिनी एक बालिका की मां ने अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट की कोर्ट में वाद दाखिल किया था। उसने आरोप लगाया कि चार सितम्बर 2024 की शाम पांच बजे उसकी 9 वर्षीया बेटी घर से बकरियां चराने निकली थी। काफी देर तक वह घर नहीं लौटी तो चिंता हुई। वह बेटी की तलाश करने लगी। वह बेटी को तलाशते दाई पोखरा के पास गई तो उसे रोने की आवाज सुनाई दी। उसने नजदीक जाकर देखा तो उसकी बेटी रो रही थी। ताबिश खां व जमालुद्दीन उर्फ जमालू उसकी बेटी के पास थे। उसे देखते ही दोनो घबरा गए।
ताबिश खां ने उसे पांच हजार रुपये देते हुए कहे कि उसकी बेटी को चोट लग गई है। वह बेटी की दवा करा दे। किसी से कुछ बताए मत। महिला ने आरोप लगाया कि ताबिश खां ने कहा कि वह डाक्टर के पास गई या किसी से कुछ बताई तो उसकी बदनामी हो जाएगी। किसी से कुछ नहीं बताएगी तो उसे पचास हजार रुपये और दे देंगे। उसने रुपये नहीं पकड़े तो उन्होंने धमकी दी। उसने बेटी से पूछा तो वह रोते हुए बताई कि ताबिश व जमालू ने उसे मुझे दबोच लिया था। उसके साथ दुष्कर्म किया। महिला ने कहा कि ताबिश खां पहले विधायक था। वह बहुत प्रभावशाली व्यक्ति है।
अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट कृष्ण कुमार पंचम की कोर्ट ने बखिरा थानाध्यक्ष को इस मामले में अभियोग पंजीकृत कर विवेचना करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर बखिरा थाने की पुलिस ने क्षेत्र के ही खजुरी गांव निवासी पूर्व विधायक ताबिश खां व जमालुद्दीन के खिलाफ दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है।