पुलिस उत्पीड़न की दर्दभरी दास्तांन ने दिलों को झकझोर कर रख दिया। उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के दौलतपुर गांव में एक युवक ने पुलिस द्वारा उत्पीड़न और असहायता महसूस करने के बाद आत्महत्या कर ली। यह घटना तब हुई जब कन्हैया नामक युवक की बहन को ममेरे भाई ने बहलाकर अपहृत कर लिया था। 19 दिसम्बर को कन्हैया और उसके पिता ने थाने में इस मामले की तहरीर दी थी, लेकिन हल्का इंचार्ज मुकेश कुमार ने उन्हें न केवल अपमानित किया बल्कि दस हजार रुपये की रिश्वत भी मांगी।
इसके बाद भी जब कन्हैया और उसके पिता थाने के चक्कर लगाते रहे, तो 1 जनवरी को एक बार फिर हल्का इंचार्ज ने गाली-गलौज करते हुए उन्हें भगा दिया। इस उत्पीड़न और असहयोग से आहत कन्हैया ने गुरुवार सुबह अपने घर से बिना बताए निकलकर गांव के बाहर बेरी के पेड़ में फांसी लगा ली।
इस दुखद घटना के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने शव को नीचे नहीं उतरने दिया और कार्रवाई की मांग की। इस पर एसपी ने तुरंत दरोगा मुकेश कुमार को निलंबित किया और मामले की निष्पक्ष जांच का आदेश दिया।
एडिशनल एसपी आलोक मिश्रा ने बताया कि दरोगा पर आरोप है कि उसने कन्हैया की बहन को खोजने में सहयोग नहीं किया, जिसके बाद कार्रवाई की गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और मामले की जांच जारी है।