उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर गुरुवार को हल्द्वानी के एम.बी.पी.जी. कॉलेज प्रांगण में भव्य ‘पूर्व सैनिक सम्मेलन’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सम्मेलन में बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों, वीर नारियों, वीरांगनाओं और उनके परिजनों ने भाग लिया। पूरे कार्यक्रम के दौरान देशभक्ति और उत्साह का वातावरण देखने को मिला।
मुख्यमंत्री धामी के आगमन पर नगरवासियों, जनप्रतिनिधियों और पूर्व सैनिकों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों पर पुष्पवर्षा कर उनका अभिनंदन किया और कहा कि उत्तराखंड की माटी वीरों की भूमि है। उन्होंने कहा कि “सैनिक कभी पूर्व नहीं होता, वह सदैव सैनिक रहता है।”
मुख्यमंत्री धामी ने सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्गठन की घोषणा करते हुए कहा कि विभाग की कार्यप्रणाली को और प्रभावी व पारदर्शी बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि हल्द्वानी, अल्मोड़ा और पौड़ी में जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों एवं आवासीय भवनों का पुनर्निर्माण किया जाएगा।
उन्होंने शहीद सैनिकों की नारियों को आवास निर्माण हेतु दी जाने वाली सहायता राशि को 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये, तथा शहीद सैनिकों की एकमुश्त अनुग्रह राशि को 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये करने की घोषणा की।
साथ ही हल्द्वानी में सैनिक परिवारों के बच्चों के लिए 150 क्षमतावाला आधुनिक छात्रावास बनाए जाने की घोषणा भी की।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने वीर नारियों को राज्य का गौरव बताया और कहा कि उत्तराखंड शीघ्र ही सैन्य धाम के रूप में पंचम धाम का लोकार्पण करेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 22 हजार से अधिक सैनिकों को रोजगार दिया जा चुका है और वीरता पदक विजेताओं को निशुल्क बस यात्रा सुविधा दी गई है।
सम्मेलन में जनपद नैनीताल की 31 और ऊधमसिंहनगर की 13 वीर नारियों को मुख्यमंत्री धामी ने शॉल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विधायक, सांसद, सेना अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक व उनके परिवार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम “जय हिंद” और “उत्तराखंड मातृभूमि की जय” के नारों से गूंज उठा, जिसने राज्य स्थापना की रजत जयंती समारोह को देशभक्ति और गर्व के अद्भुत माहौल में बदल दिया।


