उत्तराखंड के आपदाग्रस्त उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन मौसम ने इस रेस्क्यू अभियान में बड़ी बाधा उत्पन्न कर दी है। सड़क मार्ग पहले ही ध्वस्त हो चुका है, जिससे रेस्क्यू के लिए मुख्य विकल्प हवाई मार्ग ही बचा था, लेकिन खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इस वजह से जरूरी राहत सामग्री पहुंचाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं।
मौसम की मार के बीच राहत कार्यों को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए बचाव दल पैदल मार्ग और नदी के जरिए मदद पहुंचा रहे हैं। विशेषकर सोनगाड़ क्षेत्र में भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने और तेज बहाव के कारण आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। ऐसे मुश्किल हालात में एसडीआरएफ की टीम ने राफ्ट की मदद से आवश्यक राशन, गैस सिलेंडर और अन्य राहत सामग्री सुरक्षित दूसरे स्थानों तक पहुंचाई। इसके साथ ही करीब 50 लोगों को भी सुरक्षित नदी पार कराया गया, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली।
सोनगाड़ और डबरानी में गंगोत्री नेशनल हाईवे का वॉशआउट होने के कारण सड़क बंद है। सड़क खोलने का कार्य जारी है, लेकिन बीते दिनों डबरानी में सड़क कटिंग के दौरान एक पोकलैंड मशीन भागीरथी नदी में गिर गई, जिसमें ऑपरेटर भी बह गया। उसका अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
धराली में 5 अगस्त को आई भीषण आपदा के बाद से लगभग 60 से अधिक लोग लापता हैं। मलबे के नीचे दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम लगातार प्रयास कर रही है। आपदा में अपने घर, जायदाद और रिश्तेदारों को खो चुके लोग राहत कार्यों में लगे जवानों से निरंतर उम्मीद लगाए बैठे हैं।
उनकी बरसों की मेहनत से बनाए आशियाने कुछ ही पलों में तबाह हो गए थे। बावजूद इसके धराली के लोग हिम्मत नहीं हार रहे हैं और हर संभव मदद की उम्मीद बनाए हुए हैं।