ऊंखीमठ/रूद्रप्रयाग। विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष शुक्रवार 10 मई को प्रात:सात बजे खुलेंगे। 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा स़पन्न होगी। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति 6 मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी विभिन्न पड़ावों से होकर 9 मई शाम को केदारनाथ धाम पहुंचेगी।
आज शिवरात्रि के पर्व पर श्री बदरीनाथ- केदारनाथ- मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में रावल आचार्य- वेदपाठियों ने श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा- अर्चना,विधि- विधान, पंचांग गणना पश्चात श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि तय की। इस दौरान श्री औकारेश्वर मंदिर को 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था दानीदाताओ ने श्रद्धालुओं हेतु भंडारा एवं प्रसाद का वितरण किया। इस अवसर पर बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं को शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी। कहा कि बीते यात्राकाल में रिकार्ड तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे।
इस वर्ष भी श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार तथा मंदिर समिति यात्री सुविधाओ हेतु प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है शीघ्र ही मंदिर समिति का दल केदारनाथ पहुंचकर यात्रा पूर्व तैयारियों का जायजा लेगा। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि आज ही भगवान केदार नाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति के पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करने का कार्यक्रम भी घोषित किया गया। कार्यक्रम के अनुसार 5 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरवनाथ जी की पूजा सपन्न होगी।
भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूति 6 मई को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से विभिन्न पड़ावों से होते हुए केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी। दिनांक 6 मई को प्रथम पड़ाव गुप्तकाशी 7 को द्वितीय पड़ाव फाटा 8 मई को तृतीय पड़ाव गौरीकुंड तथा 9 मई शाम को पंचमुखी डोली श्री केदारनाथ धाम पहुंच जायेगी। तथा शुक्रवार 10 मई प्रात: 7 बजे सुबह श्री केदारनाथ धाम के कपाट खुल जायेंगे। श्री केदारनाथ द्वितीय केदार श्री मदमहेश्वर मंदिर लिए पुजारीगणों को कार्य दायित्व दिया गया। श्री केदारनाथ धाम हेतु शिवशंकर लिंग पूजा का दायित्व संभालेंगे। जबकि श्री मदमहेश्वर हेतु टी गंगाधर लिंग पूजा का दायित्व निभायेंगे। श्री बागेश लिंग अतिरिक्त में रखे गये हैं। शिव लिंग चपटा श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पूजा-अर्चना करेंगे।