महाकुंभ में भगदड़ की घटना में मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा प्रशासन ने 20 घंटे बाद जारी किया। प्रशासन के अनुसार इस हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है। 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से 36 का इलाज मेडिकल कॉलेज में चल रहा है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर कराने का आदेश दिया है।
डीआईजी वैभव कृष्णन के अनुसार, घटना तब हुई जब भारी भीड़ के दबाव के कारण बैरिकेड टूट गए, जिससे भगदड़ मच गई। इस दौरान संगम की ओर जाने वाली भीड़ ने स्नान के लिए इंतजार कर रहे लोगों को कुचल दिया। कुल 90 लोग अस्पताल पहुंचे थे, जिनमें से 30 की मौत हो गई। घायलों में से कुछ के परिजन उन्हें अस्पताल से ले गए हैं।
डीआईजी ने यह भी बताया कि घटना के समय किसी तरह का वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं था, जैसा कि शासन ने पहले ही निर्देशित किया था। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भविष्य में भी किसी स्नान पर्व पर वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा।
घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने शाही स्नान रद्द करने का निर्णय लिया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महामंडलेश्वरों से बातचीत के बाद शाही स्नान को तय शेड्यूल के अनुसार ही किया गया।