उत्तराखंड में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला राजधानी देहरादून से सामने आया है, जहां एक 51 वर्षीय व्यक्ति को सोशल मीडिया पर लंदन की एक महिला से दोस्ती करना इतना भारी पड़ गया कि उन्होंने अपनी जिंदगी भर की जमापूंजी — पूरे 28 लाख रुपये — गंवा दी।
पीड़ित ने साइबर क्राइम थाना देहरादून में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत के अनुसार, कुछ समय पहले फेसबुक पर उनकी पहचान ‘मारिया विलियम्स’ नाम की एक महिला से हुई, जिसने खुद को लंदन निवासी बताया। दोनों के बीच बातचीत बढ़ती गई और बाद में यह व्हाट्सएप पर शिफ्ट हो गई।
27 सितंबर को मारिया ने पीड़ित को बताया कि वह भारत घूमने आ रही है और इसके सबूत के तौर पर टिकट और वीजा की फर्जी कॉपी भेजी। दो दिन बाद, 29 सितंबर को पीड़ित को एक अंजान नंबर से कॉल आया, जिसमें कॉल करने वाली महिला ने खुद को मुंबई एयरपोर्ट की अधिकारी बताया। उसने कहा कि मारिया को विदेशी मुद्रा के साथ पकड़ा गया है। इसके बाद खुद मारिया ने भी संपर्क कर दावा किया कि वह करीब 59 लाख रुपये मूल्य के पाउंड्स लेकर भारत आई है।
फिर शुरू हुआ ठगी का सिलसिला। पीड़ित से कहा गया कि अगर वह कुछ कागजी औपचारिकताएं पूरी कर दें, तो न केवल मारिया को छोड़ा जाएगा, बल्कि वह विदेशी मुद्रा भारत में खर्च करने योग्य बन जाएगी और उन्हें सभी पैसे वापस मिल जाएंगे। इस बहाने पीड़ित से क्लियरिंग चार्ज, विदेशी मुद्रा सर्टिफिकेट, कस्टम क्लियरेंस आदि के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में 28 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
हालांकि जब उनसे और साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की गई, तब जाकर उन्हें शक हुआ। उन्होंने मुंबई एयरपोर्ट के हेल्पडेस्क से संपर्क किया, जहां से पता चला कि मारिया नाम की कोई महिला वहां नहीं है और उनके साथ साइबर ठगी हुई है।
पीड़ित ने बताया कि वे मारिया के भारत आने को लेकर बेहद उत्साहित थे। उन्हें लग रहा था कि उन्हें एक विदेशी मित्र से मिलने का अवसर मिलेगा, लेकिन यह सपना एक बड़े धोखे में बदल गया। इस घटना ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को झटका दिया है, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी गहरा सदमा पहुंचाया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और साइबर अपराधियों की तलाश जारी है।
