महाकुम्भ से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें एक पुलिसकर्मी महाकुंभ जा रहे श्रद्धालुओं के लिए बन रहे भंडारे में मिट्टी डालते हुए दिखाई दे रहा है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी इसे अपनी एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट किया है। अखिलेश ने लिखा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फंसे लोगों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था कर रहे हैं, उनके प्रयासों पर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाली जा रही है। उन्होंने जनता से इस पर संज्ञान लेने की बात भी कही।
ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फँसे लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे है उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाल दी जा रही है।
जनता संज्ञान ले! pic.twitter.com/LTwwKbBwO5
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 30, 2025
ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो लोग महाकुंभ में फँसे लोगों के लिए भोजन-पानी की व्यवस्था कर रहे है उनके सद्प्रयासों के ऊपर राजनीतिक विद्वेषवश मिट्टी डाल दी जा रही है।
जनता संज्ञान ले! pic.twitter.com/LTwwKbBwO5
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 30, 2025
वीडियो प्रयागराज के सोरांव इलाके के मलाक चतुरी गांव का है, जहां फाफामऊ-सोरांव सीमा पर श्रद्धालुओं के लिए भंडारे का आयोजन किया गया था। इसी दौरान एक पुलिसकर्मी ने जमीन से मिट्टी उठाकर चूल्हे पर बन रहे प्रसाद में डाल दी। घटना के बाद डीसीपी गंगापार, कुलदीप सिंह गुनावत ने कहा कि भंडारे के कारण हाईवे पर जाम की स्थिति बन रही थी, इसलिए पुलिस ने जाम हटाने के लिए दबाव डाला था। उन्होंने माना कि भंडारे में मिट्टी डालना गलत था और एसीपी सोरांव को इस मामले की जांच करने और उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह वीडियो महाकुंभ के दौरान एक बड़ी दुर्घटना के बाद आया है, जब मौनी अमावस्या पर भारी भीड़ में भगदड़ मचने से तीस लोग मारे गए और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसके बाद से प्रशासन ने वाहन यातायात पर कड़ी निगरानी रखी है, जिससे कई लोग घंटों तक वाहनों में फंसे रहे और कुछ पैदल भी यात्रा कर रहे हैं। ऐसे में स्वयंसेवी संस्थाओं ने भंडारे के जरिए श्रद्धालुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की थी।