उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में उत्तरकाशी के बाडाहाट नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर भाजपा को भारी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी किशोर भट्ट को अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पार्टी प्रत्याशी निर्दलीय उम्मीदवार से हार गए। यह हार न केवल भाजपा के लिए एक बड़े झटके के रूप में सामने आई, बल्कि पार्टी के दिग्गज नेताओं और संगठन की असली स्थिति को भी उजागर कर दिया।
यहां भाजपा के कई बड़े नेता, जिनमें विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व राज्यमंत्री, और दो पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष शामिल थे, पार्टी प्रत्याशी को जीत दिलाने में नाकाम रहे। इसके पीछे बड़ा कारण यह था कि पार्टी के अंदर ही भितरघात के आरोप लगने लगे थे। कई नेता और उनके समर्थक खुलकर निर्दलीय प्रत्याशी के लिए काम कर रहे थे। यहां तक कि कुछ नेताओं ने अंदरखाने भाजपा प्रत्याशी को हराने के लिए साजिशें रचीं।
इस हार ने पार्टी के अंदर पार्षद प्रत्याशियों के टिकट वितरण की प्रक्रिया को भी सवालों के घेरे में ला दिया। भाजपा ने 11 पार्षद प्रत्याशी मैदान में उतारे, लेकिन इनमें से केवल 2 ने जीत हासिल की, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी, जो भाजपा पृष्ठभूमि से जुड़े थे, ने भारी जीत हासिल की।
इस हार ने न केवल पार्टी प्रत्याशी की उम्मीदों पर पानी फेर दिया, बल्कि भाजपा के दिग्गज नेताओं और संगठन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए हैं। पार्टी में अनुशासन का दावा करने वाली भाजपा में इतने बड़े नामों के बावजूद इस हार का कारण पार्टी के अंदर की राजनीति और भितरघात को बताया जा रहा है।