उत्तराखंड सरकार ने 12 जिलों में ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों के प्रशासकों की नियुक्ति कर दी है, जबकि हरिद्वार जिले को इससे बाहर रखा गया है। पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। सरकार ने पंचायत चुनावों को अगले 6 महीने के लिए स्थगित कर दिया है, साथ ही निकाय चुनावों को भी पहले ही टाल दिया गया था।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने 27 नवंबर से ग्राम पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने के बाद समस्त प्रधानों से अनुरोध किया है कि वे सरकार के प्रशासकों को अपना कार्यभार विरोध स्वरूप न सौंपें। संगठन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे अपना डिजिटल सिग्नेचर और अन्य दस्तावेज भी जमा नहीं करेंगे।
संगठन के नेता 30 नवंबर से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन महा पंचायत के जरिए अपनी आवाज उठाने की योजना बना रहे हैं। उनका कहना है कि सरकार के पास अब भी समय है कि वह पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने के लिए तत्काल अध्यादेश लाकर टकराव से बच सके। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत के तहत ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है, क्षेत्र पंचायतों का कार्यकाल 29 नवंबर को और जिला पंचायतों का कार्यकाल 2 दिसंबर को समाप्त हो जाएगा।