उत्तर प्रदेश के एटा में दो लोगों के झगड़े में पुलिस एक तीसरे बेकसूर व्यक्ति को भी पकड़कर थाने ले गई। उसे रातभर भूखा-प्यासा रखा। सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। इसमें प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए थाना प्रभारी और मुंशी को निलंबित किया गया है।
मामला निधौली कलां थाना क्षेत्र के दलशाहपुर गांव की है। गांव निवासी देवेंद्र ने बताया कि वह गांव में ही पंक्चर जोड़ने की दुकान करता है। साथ ही बैंड भी बजाता है। दुकान पर गांव के राकेश (52) भी काम करते थे। बैंड मालिक हुसैन अली पर मजदूरी के करीब 5000 रुपये उधार थे। रविवार रात करीब नौ बजे मैंने उससे रुपये मांगे तो उसने मुझे पीट दिया। नाक में घूंसा लगने से वह गिर पड़ा।
किसी ने मेरे मोबाइल से पुलिस को फोन किया। रात करीब 9:30 बजे पीआरवी पहुंची। वहां से हुसैन, देवेंद्र सहित राकेश को भी उठाकर थाने ले आई। रात में हम लोगों को हवालात में रोका गया। कुछ भी खाने-पीने को नहीं दिया गया। सोमवार सुबह भी कुछ नहीं दिया गया। सुबह करीब 9 बजे बिजली चली गई। राकेश की हालत बिगड़ गई। वह चक्कर खाकर गिर गए और उनकी मौत हो गई।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि रविवार रात इन लोगों का कोई परिजन नहीं आया। इसके चलते इन्हें रात में रोका गया था। लेकिन, खाना आदि न देना बड़ी लापरवाही है। गर्मी का मौसम है, संभवत: खाना न मिलने की वजह से राकेश की तबीयत खराब हुई।
उसे निधौली कलां सीएचसी भेजा गया। बाद में उसकी मौत हो गई। लापरवाही में थाना प्रभारी जेपी अशोक और मुंशी मोहित को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही जांच कराई जा रही है। अन्य जो भी जानकारी सामने आएगी उसके अनुसार आगे कार्रवाई की जाएगी।