उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने मंगलवार को हल्द्वानी शहर के मंगल पड़ाव से रोडवेज बस स्टेशन तक मार्ग चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण के मामले पर सुनवाई की। इसके साथ ही सड़क चौड़ीकरण के दौरान व्यापारियों और भवन स्वामियों की अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर की गई याचिकाओं पर भी विचार किया गया।
खंडपीठ ने अतिक्रमण हटाने के पूर्व के आदेश को बरकरार रखते हुए मामले की अगली सुनवाई 27 दिसम्बर को तय की। कोर्ट ने यह आदेश दिया कि अगर किसी व्यापारी या भवन मालिक को अतिक्रमण हटाने से परेशानी हो रही है, तो वह अपनी शिकायत उचित फोरम में दर्ज कर सकते हैं।
मामला मंगल पड़ाव से रोडवेज बस स्टेशन तक सड़क चौड़ीकरण के दौरान 17 व्यापारियों और भवन स्वामियों द्वारा दायर याचिकाओं से जुड़ा है। इन व्यापारियों का आरोप है कि नगर निगम और लोक निर्माण विभाग ने उन्हें नोटिस जारी कर 4 अगस्त तक चिन्हित अतिक्रमण को हटाने के लिए कहा था। हालांकि, 20 अगस्त को उच्च न्यायालय ने इस मामले में जनहित याचिका निस्तारित करते हुए कहा था कि यदि किसी का हित प्रभावित होता है तो वे अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, लेकिन जब व्यापारियों ने शिकायत की, तो उनका पक्ष सही तरीके से सुना नहीं गया।
व्यापारी यह भी दावा कर रहे हैं कि नगर निगम ने उन्हें करीब 40-50 वर्षों से किराए पर दुकानें दी थीं, और वे इन दुकानों में व्यवसाय कर रहे थे। वहीं, हल्द्वानी की नया सवेरा सोसाइटी ने इस मामले में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि मार्ग चौड़ीकरण के तहत सभी अतिक्रमणकारियों को हटाया जाए, क्योंकि यहां अक्सर जाम की समस्या रहती है, जो ट्रैफिक व्यवस्था को प्रभावित करती है।