वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लगातार आठवां बजट पेश किया, जिसमें किसानों, एमएसएमई सेक्टर और मध्यम वर्ग के लिए कई अहम एलान किए गए हैं। इस बजट में बिहार के लिए भी कुछ विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है, जिसमें मखाना बोर्ड बनाने की योजना प्रमुख है। इसके साथ ही, वित्त मंत्री ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई आयकर न लगाने का ऐलान किया।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था सभी प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार के विकास कार्य और संरचनात्मक सुधारों ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। इस दौरान किए गए परिवर्तनकारी कार्यों ने सरकार को आत्मविश्वास से भरपूर तरीके से आगे बढ़ने में मदद की है।
आयकर में दी गई राहत पर वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग भारत के विकास का मुख्य आधार है, और इसे सशक्त बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। 2014 के बाद ‘शून्य कर’ स्लैब को ₹2.5 लाख तक बढ़ाया गया, जिसे 2019 में ₹5 लाख और 2023 में ₹7 लाख किया गया। अब नई व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय (विशेष आय जैसे पूंजीगत लाभ को छोड़कर) पर कोई आयकर नहीं लगेगा। इसके साथ ही, वेतनभोगी वर्ग के लिए ₹12.75 लाख तक की वार्षिक आय पर भी आयकर नहीं लगेगा, क्योंकि वेतनभोगियों को ₹75,000 का मानक कटौती लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री ने उदाहरणों के जरिए आयकर में होने वाली राहत को स्पष्ट किया:
- ₹12 लाख की आय पर ₹80,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 0% होगी।
- ₹16 लाख की आय पर ₹50,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 7.5% होगी।
- ₹18 लाख की आय पर ₹70,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 8.8% होगी।
- ₹20 लाख की आय पर ₹90,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 10% होगी।
- ₹25 लाख की आय पर ₹1,10,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 13.2% होगी।
- ₹50 लाख की आय पर ₹1,10,000 का कर लाभ मिलेगा और प्रभावी आयकर दर 21.6% होगी।
इन प्रस्तावों के परिणामस्वरूप प्रत्यक्ष करों में लगभग ₹1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व छूट जाएगा।