देहरादून। तीन हजार मोबाइल सिम कार्डों के साथ साइबर थाना पुलिस ने एक आरोपी गिरफ्तार किया है। आरोपी अपनी कंपनी के नाम पर एयरटेल के 29 हजार और वीआई के 16 हजार सिमकार्ड खरीद चुका है। इन सिम कार्डों को आरोपी विदेश में बैठे साइबर ठगों को बेच रहा था। आरोपी दून निवासी व्यक्ति से 80 लाख रुपये की ठगी में शामिल था।
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने कार्यालय में प्रेस वार्ता की। उन्होंने बताया कि बीते 12 फरवरी को अक्षय जैन निवासी साहू एस्टेट मसूरी की तहरीर पर साइबर थाने में केस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि टी रोव प्राइस स्टॉक पुल अप ग्रुप की फेसबुक पर प्रमोशन पोस्ट देखी। पोस्ट में दिए गए लिंक के जरिए वह व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ गए। वहां ट्रेडिंग कंपनी से जुड़ने के लिए एक एप डाउनलोड कराई गई। पीड़ित ने कमाई के झांसे में एक पर पंजीकरण किया।
रोज कमाई का झांसा देकर स्टॉक खरीदवाए गए। पहले अपने खाते से चालीस लाख रुपए लगाए। फिर टैक्स बचत के चक्कर में पत्नी का खाता भी बना लिया। इसके जरिए भी रकम जमा करनी शुरू की। इस तरह पीड़ित ने आरोपियों के दिए बैंक खातों में 80 लाख रुपये जमा किए। तब साइबर ठगी का पता लगा। केस दर्ज होने पर जांच निरीक्षक विकास भारद्वाज को सौंपी गई। जांच की गई तो पता लगा कि जिन नंबरों से पीड़ित को व्हाट्सएप पर कॉल की गई वह एक्सईएनओ टेक्नोलाजी नाम की कंपनी के लिए मुदस्सिर मिर्जा (29) पुत्र जुबैर मिर्जा निवासी तुर्कमान गेट, चांदनी महल दिल्ली ने खरीदे।
दिल्ली में दबिश देकर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। इस दौरान उसके पास से एयरटेल कंपनी के तीन हजार सिमकार्ड बरामद हुए। पूछताछ में पता लगा कि उसने मुंबई के बोरीवली में एक ऑफिस किराये पर लिया। वहां कंपनी खुली दिखाई और कारपोरेट आईडी के जरिए अब तक 45 हजार सिम कार्ड खरीद चुका है। इन सिम कार्ड के जरिए विदेश में बैठे साइबर ठग गैंग व्हाट्सएप एकाउंट बनवाए। उनके जरिए लोगों को घर बैठे कमाई से जुड़े मैसेज भेजकर साइबर ठगी की।