उत्तराखंड में मानसूनी बारिश ने एक बार फिर अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। लगातार हो रही तेज बारिश ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले लिया है। नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर मलबा और बोल्डर गिरने से आवाजाही ठप हो गई है, और लोगों की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं।
शनिवार देर रात उत्तरकाशी जिले के बड़कोट तहसील क्षेत्र में बादल फटने की घटना में एक निर्माण स्थल तबाह हो गया। टेंटों में रुके मजदूर तेज सैलाब में बह गए।
दो मजदूरों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि सात अब भी लापता हैं। SDRF और स्थानीय प्रशासन रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है।
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे के अनुसार, मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए चारधाम यात्रा को फिलहाल 24 घंटे के लिए रोका गया है।
हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर में तीर्थयात्रियों को रोका गया है। यमुनोत्री हाईवे सहित कई मार्ग बंद हो चुके हैं।
चमोली में थराली-देवाल मोटर मार्ग पर भारी भूस्खलन हुआ है। नंदकेसरी के पास एक ऑटो मलबे में फंस गया है। सड़क खोलने के प्रयास जारी हैं, लेकिन लगातार पत्थर गिरने से खतरा बना हुआ है।
वहीं नैनीताल के कालाढूंगी और कोटाबाग क्षेत्रों में मूसलधार बारिश से जलभराव और संपर्क बाधित हो गया है। देवीपुरा-सौड़ मोटर मार्ग पर मलबा आने से कई गांव नैनीताल से कट गए हैं। स्थानीय लोग परेशान हैं, खासकर किसान जिनकी फसलें बाजार नहीं पहुंच पा रहीं।
प्रशासन ने राज्यभर में अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। खराब मौसम को देखते हुए यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है, जिससे गर्मी से राहत मिली है, लेकिन आपदा का खतरा बढ़ गया है। राहत-बचाव कार्य जारी है। प्रशासन हालात पर नज़र बनाए हुए है।