भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुए इस मामले में पहली बड़ी कार्रवाई हुई है। भाजपा ने विधायक से मारपीट करने वाले अवधेश सिंह और उनके तीन साथियों—पुष्पा सिंह, अनिल यादव, और ज्योति शुक्ला—को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय विधायक की सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद लिया गया।
हालांकि, इस घटना के बाद भी पुलिस ने अवधेश सिंह के खिलाफ अब तक एफआईआर दर्ज नहीं की है, जिससे लखीमपुर में सियासी हलचल बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार को घेरते हुए कहा कि अगर विधायक की शिकायत पर एफआईआर नहीं होती, तो यह पिछड़ा, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ भेदभाव का संकेत है।
यह मारपीट भाजपा विधायक योगेश वर्मा के अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के चुनाव के दौरान हुई थी। पांच दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई न होने पर अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधा। इस बीच, खीरी से सपा सांसद उत्कर्ष वर्मा ने भी टिप्पणी की कि यदि एक विधायक सुरक्षित नहीं है, तो आम नागरिकों की स्थिति क्या होगी।
योगेश वर्मा रविवार रात लखनऊ चले गए थे, जबकि सोमवार सुबह अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने बताया कि विधायक का अपमान उनकी पिछड़ी जाति से जुड़ी पहचान के कारण हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के लोग मनमानी कर रहे हैं और घटना का स्वतः संज्ञान लेकर पुलिस को कार्रवाई करनी चाहिए थी।