उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने संपत्ति कुर्क करने के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने इस मामले में ईडी के कुर्की आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार और ईडी से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 14 मई को होगी।
ईडी ने आरोप लगाया कि हरक सिंह रावत की पत्नी, दीप्ति रावत ने देहरादून में एक रिहायशी क्षेत्र में साजिश के तहत मामूली कीमत पर बेशकीमती जमीन खरीदी, जिसकी वर्तमान में करोड़ों रुपये की कीमत है। इसके अलावा, ईडी का दावा है कि रावत ने मंत्री रहते हुए नेशनल पार्कों में भारी घोटाला किया और अन्य वित्तीय अनियमितताएं कीं।
उच्च न्यायालय ने शनिवार को श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट की 101 बीघा जमीन के खिलाफ ईडी द्वारा जारी की गई 70 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की अनंतिम कुर्की आदेश पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। यह मामला ‘दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज श्रीमती पूर्णा देवी मेमोरियल ट्रस्ट बनाम उत्तराखंड राज्य’ के तहत चल रहा है।
ईडी के अनुसार, इस ट्रस्ट का नियंत्रण हरक सिंह रावत के परिवार और उनके कुछ मित्रों के पास है, जो कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और पूर्व में भाजपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं।