हल्द्वानी। कोई भी वाहन बिना बीमा कराये सड़क पर चला पाना मुश्किल होगा। सड़क दुर्घटना में वाहन का बीमा न होने पर वाहन कोर्ट से भी नहीं रिलीज हो पाएगा। वाहन रिलीज से पहले दुर्घटना में घायल या मृत व्यक्ति के मुआवजे की प्रतिकर राशि जमा करनी होगी। इसी तरह के एक मामले में दुर्घटना में शामिल वाहन को रिलीज करने के आदेश को चुनौती दी गई थी।
मामले में वाहन स्वामी नयागांव चंदन सिंह कालाढूंगी ने वाहन संख्या यूके04एफ-1913 को रिलीज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसके बाद न्यायालय ने वाहन को रिलीज करने के आदेश दे दिए। इस आदेश को रिकॉल करने के लिए पीड़ित सोबन सिंह कुंवर ने एक रिकॉल प्रार्थना न्यायालय में प्रस्तुत किया। रिकॉल प्रार्थना पत्र में कहा गया कि 29 जनवरी 2023 को ट्रैक्टर संख्या यूके04एफ1913 के चालक ने तेजी व लापरवाही से चलाते हुए उनके पुत्र को गंभीर रूप से घायल कर दिया। इस संबंध में उनके द्वारा कालाढूंगी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था। दुर्घटना के समय वाहन का रजिस्ट्रेशन भी वैध नहीं था और न ही वाहन का बीमा ही था। और न ही वाहन चालक लाइसेंस दिखा सका।
सड़क दुर्घटना के मामले में बिना बीमा के संचालित हो रहे किसी भी वाहन को उत्तराखंड मोटर वाहन नियमावली 2011 (चतुर्थ संशोधन 2016) के नियम 2005बी-2,3 व 4 के अंतर्गत रिलीज नहीं किया जा सकता है। जब तक वाहन स्वामी दुर्घटना के पीड़ित को प्राप्त होने वाली प्रतिकर धनराशि के समान प्रतिभूति जमा न कर दे वाहन रिलीज नहीं किया जाएगा। याचना की गई कि इन परिस्थितियों व कानूनी प्रावधनों के अंतर्गत विचारण न्यायालय द्वारा पारित आदेश संख्या 14 मार्च 2023 को रिकॉल/निरस्त कर उक्त वाहन को अभिरक्षा में लिया जाए और तीन माह के भीतर प्रतिकर धनराशि वाहन स्वामी से जमा न करने पर उक्त ट्रैक्टर को नीलाम कर प्राप्त धनराशि को न्यायालय में जमा करने का आदेश दें।
इस पर प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कंवर अमनिन्दर सिंह की अदालत ने वाद को स्वीकार करते व पूर्व आदेश को निरस्त कर वाहन स्वामी को निर्देशित किया है कि वह ट्रैक्टर को पुनः कालाढूंगी थाने में दाखिल करें। साथ ही कालाढूंगी को निर्देशित किया कि वह ट्रैक्टर दाखिल होने संबंधी सूचना मजिस्ट्रेट न्यायालय व अधिकरण को सूचना दें। साथ निर्देश दिए हैं कि अगर 10 दिन के भीतर वाहन स्वामी ट्रैक्टर को दाखिल नहीं करता है तो ट्रैक्टर को जब्त करने के निर्देश दिए। मामले में पीड़ित सोबन सिंह कुंवर की ओर से अधिवक्ता पंकज कुलौरा ने पैरवी की।