दलित युवती से दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला सामने आने से हड़कंप मच गया। यह घटना उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के हरदी थाना क्षेत्र का है। जिसमें एक दलित परास्नातक छात्रा ने जिला पंचायत राज अधिकारी (डीपीआरओ) पर शौचालय दिलवाने के नाम पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है।
छात्रा का आरोप है कि महसी ब्लॉक के प्रभारी एडीओ पंचायत ने उसे डीपीआरओ कार्यालय बुलाया और फिर शौचालय के लिए मदद देने का झांसा देकर उसे डीपीआरओ के आवास पर ले गए, जहां पर डीपीआरओ ने उसका बलात्कार किया। छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि उसके साथ बलात्कार की वीडियो बनाई गई, और उसे ब्लैकमेल कर लगातार दुष्कर्म के लिए बुलाया गया।
पीड़िता के मुताबिक, यह घटना तब घटी जब उसकी मां ने शौचालय के निर्माण के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद उसे विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में बुलाया गया। यहां से उसे महसी के प्रभारी एडीओ पंचायत ने डीपीआरओ के आवास पर ले जाकर उसके साथ दुर्व्यवहार किया और फिर पांच हजार रुपये भी दिए। इसके बाद आरोपी ने छात्रा को धमकी दी कि यदि उसने यह मामला सामने लाने की कोशिश की तो उसे जान से मार दिया जाएगा।
छात्रा ने अपने शिकायती पत्र में यह भी उल्लेख किया कि डीपीआरओ के आवास में हुई घटना की वीडियो क्लिप एडीओ पंचायत के पास है, और वह उसे ब्लैकमेल कर रहा है। छात्रा का आरोप है कि एडीओ पंचायत ने उसे बार-बार दुष्कर्म के लिए बुलाया और वह मानसिक रूप से परेशान हो गई है।
इस मामले को लेकर जिलाधिकारी मोनिका रानी ने तुरंत संज्ञान लिया और आरोपों की निष्पक्ष जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति में सिटी मजिस्ट्रेट, सीडीओ, जिला विद्यालय निरीक्षक सहित अन्य अधिकारियों को शामिल किया गया है, जो इस मामले की जांच करेंगे। डीपीआरओ ने इन आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि उनका नाम बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं। उनका कहना था कि वे इस मामले में कानूनी कार्रवाई करेंगे।