उत्तराखंड के ऋषिकेश में लगातार बढ़ रही अतिक्रमण की समस्या को लेकर आखिरकार नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए बड़ा अभियान चलाया। इस दौरान बैराज से लेकर वीरभद्र मंदिर तिराहे तक फुटपाथ और सड़कों पर किए गए तीन दर्जन से अधिक अतिक्रमण हटाए गए। अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई क्षेत्रीय पार्षद लव कंबोज की शिकायतों के बाद की गई, जो लगातार इस मुद्दे को उठा रहे थे।
अभियान के दौरान एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई कि अतिक्रमण करने वालों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के कई कर्मचारी भी शामिल थे। ये कर्मचारी सरकारी नौकरी से मोटी तनख्वाह पाने के बावजूद फुटपाथ और सार्वजनिक स्थलों पर अवैध रूप से दुकानें और फास्ट फूड वैन संचालित कर रहे थे।
प्रशासन की टीम जब मौके पर पहुंची, तो अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया। कई लोग अपना सामान हटाने लगे ताकि जब्ती से बचा जा सके, लेकिन नगर निगम ने करीब एक दर्जन अवैध ठेलियों और फास्ट फूड वैन को जब्त कर लिया।
अभियान के दौरान मौके पर पहुंचे कई एम्स कर्मचारियों ने खुद को अतिक्रमण का मालिक बताते हुए कुछ समय की मोहलत मांगी, लेकिन प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए किसी की नहीं सुनी और कार्रवाई लगातार जारी रखी।
क्षेत्रीय पार्षद लव कंबोज ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा, “अतिक्रमण से आमजन को भारी दिक्कत हो रही थी। सड़क हादसे हो रहे थे और पैदल चलना तक मुश्किल हो गया था। यह कार्रवाई समय पर हुई और इसे नियमित रूप से दोहराया जाना चाहिए।”
नगर निगम के सफाई निरीक्षक अभिषेक मल्होत्रा ने बताया कि अभियान के तहत तीन दर्जन से अधिक अतिक्रमण हटाए गए हैं। वहीं, एम्स चौकी प्रभारी निखलेश बिष्ट ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ चालान काटे गए हैं और जुर्माना भी वसूला गया है।