भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्नेमोवायरस) के मामलों में वृद्धि को लेकर चेतावनी जारी की है, जिसमें 7 ज्ञात मामले भारत में सामने आए हैं। मंत्रालय ने लोगों से नियमित हाथ धोने, मास्क पहनने और खांसी या जुखाम के लक्षणों के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दी है। इसके अलावा, आज हम जानते हैं उन 10 वायरस के बारे में जो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक खतरनाक हो सकते हैं:
- मारबर्ग वायरस
यह रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, जिससे शरीर में खून का बहाव, अंगों में ऐंठन और त्वचा में घाव हो सकते हैं। इसकी मृत्यु दर 90 प्रतिशत तक हो सकती है, जिससे इसे दुनिया के सबसे खतरनाक वायरसों में शामिल किया गया है। - इबोला
इबोला वायरस की मृत्यु दर भी 90 प्रतिशत है और यह अफ्रीकी देशों में फैलता है। इसके पांच प्रकार हैं और यह तीव्र रक्तस्राव और अंगों के विघटन का कारण बनता है। - हंता वायरस
हंता वायरस कोरियाई युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों में पाया गया था। यह वायरस फेफड़ों का काम करना बंद कर देता है और बुखार, किडनी फेलियर जैसी समस्याओं का कारण बनता है। - बर्ड फ्लू वायरस
बर्ड फ्लू की मृत्यु दर 70 प्रतिशत है और यह मुर्गियों के संपर्क में आने से फैलता है, खासकर एशिया में, जहां लोग अक्सर मुर्गियों के पास रहते हैं। - लासा वायरस
यह वायरस चूहों के संपर्क से फैलता है और पश्चिमी अफ्रीका में इसका प्रकोप ज्यादा देखा जाता है। यह रक्तस्रावी बुखार और अंग विफलता का कारण बन सकता है। - जूनिन वायरस
अर्जेंटीना में पाया गया जूनिन वायरस रक्तस्रावी बुखार का कारण बनता है, जिसके लक्षणों में सूजन और खून बहना शामिल हैं। - क्रीमिया-कांगो बुखार
यह टिक द्वारा फैलता है और अफ्रीकी देशों में अधिक पाया जाता है। इसके शुरुआती लक्षणों में चेहरे और मुंह से खून बहना शामिल होता है। - माचुपो वायरस
माचुपो वायरस रक्तस्रावी बुखार का कारण है, जिसे ब्लैक टाइफस भी कहा जाता है। इसके कारण बुखार और भारी रक्तस्राव होता है, और यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। - क्यासानूर वन वायरस (KFD)
भारत में 1955 में पाया गया यह वायरस चूहे, पक्षी और सूअर के माध्यम से फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल होते हैं। - डेंगू बुखार
डेंगू बुखार मच्छरों के माध्यम से फैलता है और हर साल लाखों लोगों को प्रभावित करता है। यह विशेष रूप से बरसात के मौसम में अधिक फैलता है और इसकी गंभीरता तब बढ़ जाती है जब वायरस का शिकार व्यक्ति गंभीर रक्तस्राव से जूझता है।
इन वायरसों से बचने के लिए साफ-सफाई, स्वच्छता, और सतर्कता बेहद जरूरी है।