उत्तराखंड में 2 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों तथा प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज के बीच टकराव दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
संगठन ने मंत्री द्वारा दिए गए उनके एक सूत्रीय मांग के पक्ष में दिए गए अखबारों के बयान की माला मंत्री आवास पर चिपकाने की धमकी दी। साथ ही कहा कि पंचायत सदस्यों को भ्रमण पर भेजने का जो पैगाम दिया गया है, उसके पीछे भी मंत्री का हाथ है। संगठन ने सभी सदस्यों से भ्रमण का बहिष्कार करने की अपील की। इसके लिए संगठन ने बकायदा आदेश भी जारी कर दिया। भ्रमण के आदेश को निश्चित कारण की मांग को लेकर पत्र भी दे दिया है संगठन ने यहां तक कहा कि उनकी मांग पर मुख्यमंत्री संवेदनशील है, लेकिन कौन सी ऐसी ताकत है जो सरकार और संगठन के बीच जल्दी टकराव चाहती है।
उत्तराखंड तीसरी पंचायत संगठन के प्रदेश संयोजक जगत मर्तोलिया ने आज फिर प्रदेश के पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज को एक पत्र दिया। पत्र में 3 सितंबर को जारी भ्रमण के आदेश पर एक सूत्रीय मांग का सम्मानजनक हल निकलने तक रोक लगाने की मांग उठाई गई है। उन्होंने कहा कि निदेशक पंचायती राज द्वारा राज्य के त्रिस्तरीय पंचायतों के सदस्यों को भ्रमण में ले जाने के लिए एक पत्र जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि संगठन का आंदोलन चल रहा है। उसे तोड़ने, कमजोर करने तथा असफल करने के लिए यह पत्र जारी किया गया है।
उन्होंने इस पत्र के पीछे भी पंचायती राज मंत्री का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले जो मंत्री संगठन पर राजनीति से प्रेरित होकर कार्य करने का आरोप लगा रहे थे। आज वही मंत्री पर्दे के पीछे से इस आंदोलन को तोड़ने की राजनीति कर रहे है। इतना नहीं मंत्री द्वारा आंदोलन को आक्रोशित कर सरकार के साथ टकराव की स्थिति पैदा की जा रही है। उन्होंने कहा कि ये वही विभागीय मंत्री है। जिन्होंने मुख्य सचिव को इस एक सूत्रीय मांग के पक्ष में विभिन्न तर्क देते हुए पत्र लिखा था। इस पत्र को आधार मानकर विभिन्न अखबारों में मंत्री की प्रकाशित न्यूज कतरनों की माला बनाकर 9 सितंबर को मंत्री के सरकारी आवास पर चिपकाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो मंत्री इस मांग के पक्ष में सार्वजनिक बयान दे रहा था, अचानक वह मांग का विरोधी कैसे हो गया। उन्होंने कहा कि संगठन नहीं है मंत्री राजनीति कर रहे है। क्योंकि उनका मकसद मुख्यमंत्री तथा सरकार के सम्मुख आंदोलन को उग्र कर संकट पैदा करना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि त्रिस्तरीय पंचायत के सदस्यों को भ्रमण में भेज कर आंदोलन को समाप्त करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिसे कभी भी सफल नहीं नहीं होने दिया जाएगा। संगठन के सभी सदस्यों को आदेशित कर दिया गया है कि वह कोई भी भ्रमण के लिए अपना नाम नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हमारी मांग को लेकर संवेदनशील है, लेकिन संगठन की सरकार और मुख्यमंत्री से टकराव की स्थिति पैदा की जा रही है। मुख्यमंत्री से संगठन अनुरोध करता है कि वह इसकी जांच करें कि कौन सी ऐसी ताकत है जो मुख्यमंत्री, सरकार तथा इस संगठन के मध्य इस प्रकार के षड्यंत्र प्रदेश को आंदोलन के आग के हवाले कर रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि हम आज के दिन भी विभागीय मंत्री को मुख्यमंत्री ने जो जिम्मेदारी सौंप थी, उस पर बातचीत करना चाहते है, लेकिन बातचीत की जगह आंदोलन को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। 7 सितंबर तक बातचीत की तिथि नहीं दी गई तो मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा। फिर आंदोलन उग्र रूप धारण करेगा।