जन मुद्दे देश/दुनिया पदोन्नति बागेश्व राष्ट्रीय हिल दर्पण

कल तक उठाते थे फाइलें…. अब बन गए कमिश्नर साहब, जानें एक चपरासी की कहानी

खबर शेयर करें -

‘होनहार बिरवान के होत चिकने पात’ यह प्रचलित लोकोक्ति आने जरूर पढ़ी व सुनी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) से बीटेक करने वाले शैलेंद्र कुमार बांधे ने इसे सच साबित कर दिखाया है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की कठिन परीक्षा पास की है। वह अब राज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त के पद पर नियुक्त होंगे।

बांधे, जो पहले छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग में चपरासी के पद पर कार्यरत थे, ने राज्य लोक सेवा परीक्षा में अपने पांचवें प्रयास में सफलता हासिल की और सामान्य श्रेणी में 73वीं रैंक प्राप्त की। इस सफलता के साथ ही उन्होंने उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा का उदाहरण पेश किया है, जो इस परीक्षा की तैयारी में लगे हैं।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में तबाही का मंजर...घरों को छोड़ भागे लोग, नदी का तेज बहाव मचा रहा कहर

बांधे, जो बिलासपुर जिले के बिटकुली गांव के एक किसान परिवार से आते हैं, ने बताया कि उनका सपना हमेशा सरकारी अधिकारी बनने का था, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें चपरासी की नौकरी करनी पड़ी। इस दौरान भी उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी जारी रखी।

एनआईटी रायपुर में बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने निजी कंपनियों के प्लेसमेंट इंटरव्यू में हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि उनका सपना सरकारी नौकरी पाने का था। बांधे ने सीजीपीएससी की परीक्षा के लिए प्रेरणा अपने एक सीनियर हिमाचल साहू से ली, जिन्होंने सीजीपीएससी-2015 परीक्षा में पहला स्थान प्राप्त किया था।

यह भी पढ़ें 👉  फिर डोली धरती...उत्तराखंड का ये जिला रहा केंद्र, इतनी रही तीव्रता

बांधे ने अपनी यात्रा में कई उतार-चढ़ाव देखे। पहले प्रयास में असफल रहने के बाद, दूसरे प्रयास में मुख्य परीक्षा पास नहीं कर पाए। लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और अगले दो प्रयासों में साक्षात्कार तक पहुंचे। अंत में, अपने पांचवे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की और अपने सपने को साकार किया।

बांधे ने बताया, “चपरासी की नौकरी करने में मुझे कभी असहजता महसूस नहीं हुई। हर नौकरी का अपना महत्व और गरिमा होती है, चाहे वह चपरासी हो या डिप्टी कलेक्टर। मुझे अपने काम को पूरी ईमानदारी से करने की प्रेरणा मेरे परिवार और कार्यालय से मिली।”

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी में एसएसपी का एक्शन मोड...इन अफसरों को कड़ी फटकार, बैठाई जांच

उनके पिता संतराम बांधे, जो किसान हैं, ने कहा, “हमारे बेटे ने कड़ी मेहनत की और अपने सपने को पूरा किया। वह एक प्रेरणा स्रोत बन गए हैं और हमें गर्व है कि उन्होंने हमें कभी निराश नहीं किया। हमें यकीन है कि उनका संघर्ष उन लोगों के लिए एक उदाहरण बनेगा, जो सरकारी नौकरी पाना चाहते हैं।”

शैलेंद्र कुमार बांधे का यह संघर्ष और सफलता हमें यह सिखाती है कि मेहनत और समर्पण से कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है, चाहे रास्ता कितना भी मुश्किल क्यों न हो।

हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड चुनाव जन मुद्दे देहरादून

*चुनावी तैयारियां- गृह जिले में तैनात नहीं रहेंगे दरोगा, कुंडली जमाए कर्मियों के लिए आया यह आदेश*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में आगामी चुनावी तैयारियां तेज हो गई हैं। इसके तहत निर्वाचन आयोग ने अहम निर्णय
उत्तराखण्ड जन मुद्दे देहरादून स्वास्थ्य

*कायाकल्प अवार्ड के लिए चयनित हुए उत्तराखंड के इतने अस्पताल, मिलेंगे 203.5 लाख*

खबर शेयर करें -देहरादून। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत संचालित क्वालिटी एश्यैरेंस कार्यक्रम के तहत प्रदेश के