उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में मानव और वन्यजीवों के बीच टकराव तेजी से बढ़ रहा है। हल्द्वानी के समीपवर्ती नैनीताल वन प्रभाग के अंतर्गत भुजियाघाट क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। शनिवार देर रात गुलदार के हमले में एक महिला की मौत हो गई। घटना के बाद वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी है और पिंजरा लगाने की तैयारी की जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भुजियाघाट के मोरा गांव निवासी पुष्पा देवी (उम्र लगभग 50 वर्ष) शनिवार रात करीब साढ़े 10 बजे किसी कार्य से घर के बाहर निकली थीं। इसी दौरान घात लगाए बैठे गुलदार ने उन पर अचानक हमला कर दिया। गुलदार उन्हें जबड़े में दबोच कर जंगल की ओर ले जाने लगा, लेकिन परिजनों और ग्रामीणों के शोर मचाने पर वह महिला को छोड़कर भाग गया।
गंभीर रूप से घायल पुष्पा देवी को तत्काल सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच), हल्द्वानी लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मनोरा रेंज के रेंजर मुकुल शर्मा ने बताया कि घटना के बाद क्षेत्र में वन विभाग की गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगाने की तैयारी की जा रही है। शव का पोस्टमार्टम हल्द्वानी में कराया जा रहा है।
भीमताल ब्लॉक के प्रशासक डॉ. हरीश सिंह बिष्ट ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में इस क्षेत्र में वन्यजीवों के हमलों में चार लोगों की जान जा चुकी है। भीमताल ब्लॉक में अब तक गुलदार और बाघ के हमलों में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
डॉ. बिष्ट ने प्रशासन और वन विभाग से मांग की है कि इन घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए जाएं।