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क्या उत्तराखंड से हट पायेगा हड़ताली प्रदेश का तमगा!

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मुख्य सचिव पद पर राधा रतूड़ी की ताजपोशी से जगने लगी कई उम्मीदें

हल्द्वानी: मुख्य सचिव की कुर्सी पर राधा रतूडी की ताजपोशी से चौतरफा खुशी का माहौल है। उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच ने इसे गर्व का पल बताते हुए उम्मीद जताई है कि विकास के प्रति जवाबदेही तय होगी और उत्तराखण्ड से हड़ताली प्रदेश का तमगा हटेगा।

शहीदों के सपने को साकार करने के लिए विचार मंच के रुप में गठित उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष रमेश चन्द्र पाण्डे ने कहा कि मुख्य सचिव के पद पर सरल, सौम्य एवं संवेदनशील व्यक्तित्व की धनी श्रीमती राधा रतूडी की ताजपोशी से उत्तराखण्ड के समूचे जन समुदाय में खुशी है।

विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही के सवाल को लेकर मुखर श्री पाण्डे ने कहा कि राज्य गठन के बाद कार्मिक संगठनों की हर हड़ताल के कारणों से वे भलीभांति विज्ञ हैं । कहा कि 15 अक्टूबर 2020 को पहली बार हड़ताल के कारणों की समीक्षा हेतु उनकी अध्यक्षता में शासन में एकता मंच की बैठक हुई थी ।
श्री पाण्डे के अनुसार कार्मिक संगठनों के कार्यबहिष्कार व हडताल को लेकर दायर जनहित याचिका संख्या 115/2018 पर उत्तराखंड उच्च न्यायालय द्वारा 29 अगस्त 2018 को महत्वपूर्ण आदेश पारित किया गया था । *इस आदेश में कार्मिक संगठनों द्वारा किये जाने वाले धरना प्रदर्शन व हडताल से निपटनें के लिए सरकार को दिये गये तमाम निर्देशों में से एक महत्वपूर्ण निर्देश यह भी है कि *सभी विभागों में ” शिकायत निवारण समिति” का गठन किया जाय और हर तीसरे माह समिति की बैठक कर उन बैठकों में कार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों को भी बुलाये*।

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कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा 13 दिसम्बर 2018 को सभी विभागाध्यक्षों को कोर्ट के इस आदेश का पालन करने हेतु आदेश जारी किये गये थे । शासन द्वारा इसके परिपालन हेतु जारी पांच अनुस्मारकों में से एक श्रीमती रतूडी के हस्ताक्षर से भी जारी है और उनके द्वारा कई बैठकों में भी इसके परिपालन हेतु निर्देश दिये गये लेकिन आज तक इसका धरातलीय परिपालन नहीं हुआ
इस बीच कोर्ट के आदेश के परिपालन की स्थिति के बारे में आरटीआई के जरिये कार्मिक विभाग के लोक सूचना अधिकारी से यह सूचना मागी गई कि *राज्य के कितने विभागों में शिकायत निवारण समिति का गठन हुआ है और कितनों में नहीं*।

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उक्त के जवाब में बताया गया कि ” *सूचना का अधिकार नियमावली 2013 के नियम 5(ग) मे उल्लेख है कि यदि सूचना दो या अधिक विभागों से सम्बन्धित है तो ऐसी स्थिति में अनुरोध पत्र अन्तरित नही किया जायेगा । राय दी गई कि सम्बन्धित विभागों से पृथक पृथक आवेदन कर सूचना प्राप्त करें*।
इस उत्तर से अंदाजा लगाया जा सकता है शासन इस संवेदनशील विषय पर कितना गम्भीर है । श्री पाण्डे ने उम्मीद जताई है कि नवनियुक्त मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी पांच साल पूर्व जारी कोर्ट के इस महत्वपूर्ण आदेश का धरातलीय परिपालन सुनिश्चित कराने को प्रथमिकता देंगी । कहा कि उक्त आदेश का परिपालन नहीं करने वाले विभागों को चिन्हित करके उनकी जवावदेही तय की जानी चाहिए। ऐसा करने से राज्य को हड़ताली प्रदेश के तमगे से निजात मिलेगी और उन्हें इसके लिए हमेशा याद किया जायेगा ।

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हिल दर्पण डेस्क

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