युवती के शादी के बाद एक्स्ट्रा मैरिटल संबंधों के आधार पर राजस्थान में जयपुर की पारिवारिक अदालत क्रम-1 ने उसे पति से स्थायी भरण पोषण के रूप में चालीस लाख रुपए और तीस तोला सोना दिलाने से इनकार कर दिया है। अदालत ने पत्नी की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया।
पीठासीन अधिकारी विरेन्द्र कुमार ने अपने आदेश में कहा कि पति ने साबित किया है कि उसकी पत्नी के किसी अन्य युवक के साथ प्रेम संबंध थे, जिसके चलते 16 अगस्त 2019 को उनका तलाक हुआ। अदालत ने स्पष्ट किया कि जब पत्नी विवाह के बाद किसी अन्य पुरुष के साथ अवैध संबंध स्थापित करती है, तो वह स्थायी भरण पोषण की हकदार नहीं है।
मामले से जुड़े अधिवक्ता डीएस शेखावत ने बताया कि पत्नी ने पति से स्थायी भरण पोषण की मांग करते हुए कहा कि वह सरकारी नौकरी में है। लेकिन पति ने यह दावा किया कि पत्नी के शादी से पहले ही पड़ोस में रहने वाले युवक के साथ संबंध थे, जिन्हें उसने शादी के बाद भी जारी रखा। अदालत ने इसे मानसिक क्रूरता मानते हुए 2019 में तलाक की डिक्री जारी की थी।
पति ने अदालत को बताया कि वह केवल एक क्लर्क है और उसके ऊपर पूर्व दिवंगत पत्नी के बेटे व बीमार मां की जिम्मेदारी है। वह स्वयं भी बीमार रहता है, इस कारण स्थायी भरण पोषण राशि देने में असमर्थ है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया कि पत्नी के प्रेम संबंधों के चलते वह पति से स्थायी भरण पोषण प्राप्त नहीं कर सकती।