संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर को आम जनता के लिए खोल दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 फरवरी को पत्थर से निर्मित अबू धाबी के इस पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया था। मंदिर प्रबंधन ने अपनी वेबसाइट पर मंदिर में आने वाले भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें ड्रेस कोड से लेकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के नियम बताए गए हैं।
मंदिर की वेबसाइट पर बताए गए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, टी-शर्ट, टोपी और टाइट फिटिंग ड्रेस पहनकर आने वालों को मंदिर में एंट्री नहीं दी जाएगी। गाइडलाइंस में कहा गया है कि श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश से पहले गर्दन, कोहनी और टखनों के बीच के शरीर के क्षेत्र को ढककर रखना होगा। गाइडलाइंस में कहा गया है, “टोपी, टी-शर्ट और आपत्तिजनक डिजाइन वाले अन्य कपड़ों की अनुमति नहीं है। जालीदार या आर-पार दिखने वाले और टाइट-फिटिंग कपड़े न पहनें।”
गाइडलाइंस में मंदिर प्रांगण में पालतु पशुओं को भी प्रवेश नहीं देने की बात कही गई है। इसके अलावा मंदिर परिसर में बाहरी भोजन और पेय की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, मंदिर परिसर के भीतर ड्रोन कैमरे या ड्रोन सख्त वर्जित हैं। गाइडलाइंस के मुताबिक मंगलवार से रविवार तक मंदिर सुबह 9 बजे से शाम 8 बजे तक खुले रहेंगे। हरेक सोमवार को मंदिर आगंतुकों के लिए बंद रहेगा।
यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दान में दी है। इस मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर में स्वंयसेवक उमेश राजा के अनुसार, 20 हजार टन से अधिक चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और 700 कंटेनर में अबू धाबी लाया गया।
बोचासनवासी श्री अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘प्रतीक्षा समाप्त हुई! अबू धाबी मंदिर को अब सभी आगंतुकों और श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है।’’ इसमें यह भी उल्लेख किया गया है कि मंदिर सोमवार को छोड़कर सभी दिन सुबह नौ बजे से रात आठ बजे तक खुला रहेगा।