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बारिश में वोटिंग!…हवा से पहुंचेगी मतपेटी, प्रशासन की फ्लाइंग तैयारी

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उत्तराखंड में इस बार पंचायत चुनाव मानसून के पीक सीजन के दौरान हो रहे हैं, जिससे प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती खड़ी हो गई है। लगातार हो रही बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए राज्य आपदा प्रबंधन विभाग (SDMA) ने व्यापक तैयारियां की हैं। निर्वाचन आयोग की मांग पर राज्य सरकार ने दो हेलीकॉप्टर स्टैंडबाई पर रखने का फैसला लिया है, ताकि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी आपात स्थिति से तत्काल निपटा जा सके।

प्रदेश में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू हो चुकी है, जबकि 31 जुलाई को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। पूरा जुलाई महीना उत्तराखंड में भारी बारिश और आपदाओं का संवेदनशील समय माना जाता है। इस बीच प्रदेश में निष्पक्ष और सुचारू मतदान सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के एक साक्षात्कार के अनुसार राज्य आपदा प्रबंधन विभाग किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सभी जिलों के प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है और नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। चुनावी आचार संहिता के बावजूद राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन के बीच समन्वय बना हुआ है। मतदान केंद्रों तक पोलिंग पार्टियों, चुनाव सामग्री और मतदाताओं की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार मार्ग अवरुद्ध होने की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई इलाकों में भूस्खलन से सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। ऐसे में आपदा की स्थिति में त्वरित राहत पहुंचाने और पोलिंग स्टाफ की आवाजाही के लिए दो हेलीकॉप्टरों को स्टैंडबाई पर रखा गया है। सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से हेलीकॉप्टर की मांग की गई थी, जिस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए ये व्यवस्था की गई है।

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चुनावी तैयारियों के साथ-साथ पर्यटकों और चारधाम यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी विशेष निगरानी रखी जा रही है। सचिव सुमन ने कहा कि सभी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है और जरूरत पड़ने पर राहत व बचाव कार्यों में हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जाएगा।

 

हिल दर्पण डेस्क

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