उत्तराखंड की नौकरशाही में बड़े पैमाने पर तबादलों की सुगबुगाहट बीते कुछ महीनों से लगातार जारी है, लेकिन राज्य सरकार अब तक इस पर अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है। इसका सीधा असर शासन-प्रशासन के सुचारू संचालन पर पड़ रहा है। कई अहम पद रिक्त हैं और जिम्मेदारियों का पुनः वितरण नहीं हो सका है, जिससे कार्यों में देरी और फाइलों की पेंडेंसी बढ़ने लगी है।
फिर टली ट्रांसफर लिस्ट, चारधाम यात्रा बनी वजह
सूत्रों के अनुसार, तबादला सूची तैयार है, लेकिन इसे जारी करने में सरकार फिलहाल सावधानी बरत रही है। चारधाम यात्रा की शुरुआत के मद्देनज़र अधिकारियों की तैनाती में फिलहाल बदलाव से परहेज़ किया जा रहा है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब तबादलों को रोका गया हो। इससे पहले भी कभी मानसून, तो कभी अन्य परिस्थितियों के चलते तबादलों की प्रक्रिया को स्थगित किया जाता रहा है।
नए मुख्य सचिव, लेकिन जिम्मेदारियां अब भी अधूरी
राज्य को अप्रैल महीने में नया मुख्य सचिव आनंद वर्धन मिला है। पूर्व मुख्य सचिव राधा रतूड़ी 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। उनके पास चेयरमैन ऊर्जा निगम, स्थानिक आयुक्त और निवेश आयुक्त जैसी अहम जिम्मेदारियां थीं, जो अभी तक किसी को सौंपी नहीं गई हैं। उधर, आनंद वर्धन के पास पहले से ही वित्त, कार्मिक, जलागम, अवस्थापना विकास और राजस्व परिषद जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं, जिन्हें अब मुख्य सचिव के रूप में सम्हालना और चुनौतीपूर्ण हो गया है।
जिला स्तर पर भी पद खाली, प्रशासनिक ढांचा दबाव में
राज्य के जिला स्तर पर भी कई पद खाली चल रहे हैं। यदि तबादला सूची समय पर जारी होती, तो इन रिक्त पदों पर भी नियुक्तियां हो सकती थीं। फिलहाल अधिकारियों को अगली सूची का इंतजार है, जिससे पूरे राज्य में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
जल्द निर्णय की संभावना
सरकारी सूत्रों का कहना है कि चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं स्थिर होने के बाद सरकार अगले एक से दो सप्ताह के भीतर तबादला सूची जारी करने पर विचार कर सकती है। हालांकि, तब तक शासन की कई योजनाओं और निर्णयों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।