उत्तराखंड की वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी को आखिरकार भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नति मिल गई है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने उन्हें 2017 बैच का IAS अधिकारी घोषित करते हुए पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए हैं।
वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी निधि यादव को यह पदोन्नति पहले ही 2021 की रिक्ति के आधार पर मिलनी थी, लेकिन उनके खिलाफ चल रही विजिलेंस जांच के चलते यह प्रक्रिया अटकी रही। उस समय डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक में उनका मामला “सीलबंद लिफाफे” में रखा गया था। निधि यादव पर आय से अधिक संपत्ति के आरोप लगे थे, जिस पर विजिलेंस जांच के आदेश दिए गए थे। जांच के बाद विजिलेंस विभाग ने उन्हें क्लीन चिट दे दी, जिससे उनके प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया।
क्लीन चिट मिलने के बाद उत्तराखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने इस संबंध में सभी जरूरी दस्तावेज यूपीएससी और डीओपीटी को भेजे। कई दौर की पत्राचार प्रक्रिया पूरी करने के बाद अंततः डीओपीटी ने निधि यादव को IAS कैडर में शामिल करने की स्वीकृति दे दी।
डीओपीटी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निधि यादव को 2017 बैच आवंटित किया गया है। सीनियरिटी के क्रम में वे विनोद गिरि गोस्वामी के बाद रहेंगी। बता दें कि उनके साथ के अन्य पीसीएस अधिकारी पहले ही IAS में पदोन्नत हो चुके थे, जबकि निधि यादव को विजिलेंस जांच के चलते इंतजार करना पड़ा।
वर्तमान में निधि यादव पंचायती राज विभाग में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं। अब जब उन्हें IAS में पदोन्नति मिल चुकी है, तो संभावना है कि जल्द ही उन्हें नई प्रशासनिक जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी।