बहुचर्चित उत्तराखंड स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई ने एक बार फिर जांच की रफ्तार तेज कर दी है। मामले के नए विवेचना अधिकारी ने न्यायालय के माध्यम से प्रदेश सरकार के मंत्री सुबोध उनियाल समेत कई नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए हैं। हरिद्वार के एक विधायक पहले ही इस मामले में अपना बयान दर्ज करा चुके हैं।
यह मामला वर्ष 2016 का है, जब तत्कालीन कांग्रेस सरकार में हुई बगावत के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत का एक स्टिंग वीडियो सामने आया था। आरोप था कि उन्होंने सरकार बचाने के लिए बागी विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की थी। वहीं, एक अन्य स्टिंग में कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट के शामिल होने का दावा किया गया था। इन दोनों मामलों में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी सामने आया था।
स्टिंग ऑपरेशन कराने का आरोप पत्रकार और वर्तमान विधायक उमेश कुमार पर लगाया गया था। इस मामले में वर्ष 2021 में सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत, कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और उमेश कुमार को आवाज के नमूने देने के लिए नोटिस भेजे थे, जिनमें से कुछ लोगों ने नमूने सौंप दिए थे।
अब नए विवेचना अधिकारी ने इस मामले में पूछताछ की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी है। मंत्री सुबोध उनियाल को भी नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उनियाल ने बताया कि उन्हें बृहस्पतिवार को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन सरकारी व्यस्तताओं के चलते उन्होंने तारीख आगे बढ़ाने का आग्रह किया है।
गौरतलब है कि सीबीआई ने इस मामले की जांच वर्ष 2016 में शुरू की थी, और करीब तीन वर्षों बाद, 2019 में पूर्व सीएम हरीश रावत सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। तब से अब तक छह वर्षों से यह मामला सीबीआई जांच के दायरे में है।