उत्तराखंड में एक और बड़े फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इस बार आरोप स्वतंत्रता सेनानियों को मिलने वाले आरक्षण के लाभ को लेकर सामने आया है। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने आशंका जताई है कि कुछ लोग फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर आरक्षण का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की जांच के आदेश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री को मिली शिकायत के अनुसार, राज्य में फर्जी दस्तावेज तैयार कर स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों के नाम पर एमबीबीएस जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने की कोशिश की जा रही है। यही नहीं, समिति ने यह भी आशंका जताई है कि सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में मिलने वाले 2% आरक्षण को हड़पने के लिए बड़े पैमाने पर फर्जी प्रमाण पत्र बनाए जा रहे हैं।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के संरक्षक भारत भूषण विद्यालंकार ने बताया कि राज्य में अब बहुत ही कम स्वतंत्रता सेनानी जीवित हैं, ऐसे में आरक्षण का लाभ पाने के लिए पात्र अभ्यर्थियों की संख्या में अचानक वृद्धि संदेह को जन्म देती है। उन्होंने कहा, “हमने मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में लिखित शिकायत दी थी। उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्य सचिव को एसआईटी गठन का निर्देश दिया है।”
राज्य में स्वतंत्रता सेनानियों की पहली और दूसरी पीढ़ी को सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में 2% आरक्षण का प्रावधान है। अब देखना यह होगा कि एसआईटी की जांच में क्या सामने आता है और क्या दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।