उत्तराखंड में लंबे समय से नकली नोटों का कारोबार चल रहा था। इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने नकली नोटों के साथ बाइक सवार चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 500-500 के 44 नकली नोट, कुल 22,000 रुपए बरामद हुए हैं। पूछताछ के बाद पुलिस ने दो और आरोपियों को देहरादून से गिरफ्तार किया, जिनके पास करीब दो लाख रुपए के नकली नोट मिले।
जानकारी के अनुसार, रानीपुर कोतवाली क्षेत्र में पुलिस चेकिंग कर रही थी। इस दौरान दो बाइकों पर सवार चार व्यक्तियों को रोका गया। तलाशी के दौरान उनके पास से 44 नकली नोट बरामद हुए। गिरफ्तार आरोपियों में सौरभ (थाना देवबंद, सहारनपुर), निखिल (थाना सरसावा, सहारनपुर), अनंतबीर (थाना बाबूगढ़, हापुड़) और नीरज (गांधी कॉलोनी, देवबंद) शामिल हैं।
पूछताछ में पता चला कि उनके दो अन्य साथी मोहित और विशाल देहरादून के सुद्धोवाला में किराए के कमरे में लैपटॉप और प्रिंटर की मदद से नकली नोट बना रहे थे। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मोहित को प्रेमनगर थाना क्षेत्र के सुद्धोवाला से गिरफ्तार किया, उसके पास 200 नकली नोट यानी एक लाख रुपए बरामद हुए। उसके कमरे से लैपटॉप, प्रिंटर, और नोट छापने का सामान भी जब्त किया गया।
दूसरे आरोपी विशाल को पुलिस ने पटेल नगर थाना क्षेत्र के दून एनक्लेव से गिरफ्तार किया, जिसके पास 207 नकली नोट यानी एक लाख तीन हजार रुपए मिले। उसके कमरे से भी लैपटॉप और प्रिंटर बरामद हुए।
आरोपियों ने बताया कि वे असली 500 के नोटों को स्कैन कर नकली नोट तैयार करते थे, जिन्हें हरिद्वार और देहरादून के बाजारों में चलाते थे। वे दुकानदारों को 500 का नोट देकर 100 या 150 रुपए का सामान लेते और शेष राशि असली में प्राप्त करते थे, जिससे उन्हें लाभ होता था।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि मोहित और निखिल पहले भी नकली नोट छापने के मामले में जेल जा चुके हैं। सौरभ, विशाल और नीरज एक ही गांव के रहने वाले हैं और सभी इस अपराध में शामिल हुए थे। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।