उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्धारित आरक्षण रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सरकार से जवाब मांगा है और सुनवाई की अगली तारीख सोमवार नियत की है।
मामले में बागेश्वर के गणेश दत्त कांडपाल समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि सरकार ने 9 जून 2025 को पंचायत चुनाव के लिए नई नियमावली जारी की। इसके बाद 11 जून को एक आदेश जारी कर पहले लागू आरक्षण रोटेशन को समाप्त करते हुए इस वर्ष से नया रोटेशन लागू करने का निर्णय लिया गया। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस नए आदेश के तहत पिछले तीन कार्यकाल से जो सीट आरक्षित वर्ग के लिए रखी गई थी, उसे चौथी बार भी आरक्षित घोषित कर दिया गया, जिससे वे चुनाव में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
सरकार की ओर से बताया गया कि इसी विषय पर एकलपीठ में भी कुछ याचिकाएं लंबित हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने यह बताया कि उन्होंने खंडपीठ में 9 जून के जारी नियमों को चुनौती दी है, जबकि एकलपीठ में केवल 11 जून के आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें नए सिरे से आरक्षण लागू करने का प्रावधान है।
खण्डपीठ ने इस मामले में सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है और सोमवार को अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की है। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने इस मामले में कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं।