उत्तराखंड में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अब शुरू होने जा रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी कर दिया है। नामांकन प्रक्रिया 2 जुलाई से शुरू होगी, जबकि मतदान दो चरणों में—24 और 28 जुलाई को—कराया जाएगा।
इस पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार और भाजपा को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष (संगठन प्रशासन) सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि “एक देश, एक चुनाव” की बात करने वाली भाजपा उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य में पंचायत चुनाव भी दो चरणों में करा रही है। उन्होंने कहा कि मानसून के चलते प्रदेश में कई स्थानों पर सड़कों की हालत खराब है और गढ़वाल व कुमाऊं मंडल में मौसम लगातार बिगड़ा हुआ है। धस्माना के मुताबिक, अगर सरकार ने पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद नवंबर में चुनाव कराए होते तो यह अधिक उपयुक्त होता।
धस्माना ने आरोप लगाया कि चुनाव समय पर न होने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, उन्हीं के अध्यक्षों, प्रमुखों और प्रधानों को प्रशासक नियुक्त कर भाजपा सरकार ने एक “अनोखा कीर्तिमान” स्थापित किया है।
कांग्रेस ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी चुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार है। धस्माना ने बताया कि कांग्रेस ने पहले ही अपनी तैयारियों की शुरुआत कर दी थी और सभी जिला व विधानसभा प्रभारियों के नेतृत्व में बैठकें आयोजित की जा रही हैं।
इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के निर्देश पर विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों की नियुक्ति में कुछ बदलाव भी किए गए हैं।
संशोधित सूची के अनुसार:
ऋषिकेश: प्रवीन त्यागी टीटू
गंगोत्री: घनानन्द नौटियाल
गंगोलीहाट: सुनील भण्डारी
कपकोट: मुकेश पन्त
पिथौरागढ़: प्रदीप पाल
अब सभी की निगाहें आगामी पंचायत चुनावों पर टिकी हैं, जहां राजनीतिक दलों की तैयारियों और मौसम की चुनौती के बीच लोकतंत्र का यह पर्व संपन्न होगा।