उत्तराखण्ड कुमाऊं गढ़वाल जन मुद्दे देहरादून

उत्तराखंड…..इस दिन रहेगा सार्वजनिक अवकाश, स्कूल भी रहेंगे बंद

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में शासन से बड़ी खबर सामने आई है। प्रसिद्ध लोकपर्व इगास, जिसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, इस बार 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन राज्य में सरकारी अवकाश घोषित किया गया है।

उत्तराखंड सरकार ने 2024 के लिए जारी अवकाश कैलेंडर में कुल 25 सार्वजनिक और 17 निबंधित छुट्टियां रखी हैं, जिनमें 27 से 31 छुट्टियां स्थानीय त्योहारों और परंपराओं को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की गई हैं।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी.... किशोरी समेत तीन नाबालिग लापता, मचा हड़कंप

इगास पर्व दिवाली के 11 दिन बाद मनाया जाता है और यह पर्व उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में विशेष रूप से लोकप्रिय है। मान्यता है कि भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खबर यहां 11 दिन बाद पहुंची थी, इसलिए यह पर्व कार्तिक शुक्ल एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन लोग विशेष रूप से ‘भैलो’ खेलने की परंपरा निभाते हैं, जिसमें वे मशाल जलाकर एक खास नृत्य करते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  'क्लीन टॉयलेट चैलेंज 2023'....उत्तराखंड को तीसरा स्थान, सीएम ने कही ये बड़ी बात

इगास, जिसे बूढ़ी दिवाली भी कहा जाता है, दिवाली से किसी भी तरह कम नहीं होता। इस दिन घरों में दीये जलाए जाते हैं और विभिन्न पकवान बनाए जाते हैं। पहले इगास पर राज्य में छुट्टी नहीं होती थी, लेकिन अब सरकारी अवकाश घोषित होने के बाद लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं।

यह भी पढ़ें 👉  LKG की छात्रा से गंदी हरकत..... मां को बताई वैन ड्राइवर की करतूत, ऐसे सिखाया सबक
हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में