उत्तराखंड में निकाय चुनावों की सरगर्मी के बीच राज्य सहकारी समितियों के चुनावों में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब 33,000 महिलाएं और 78,000 पुरुष सदस्य मतदान कर सकेंगे, जिनके मतदान पर पहले रोक लगी हुई थी। ये सदस्य पिछले तीन सालों में किसी भी साल में सहकारी समितियों से लेन-देन न करने के कारण मतदान के अधिकार से वंचित थे।
राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे ने बताया कि राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली में संशोधन कर दिया गया है, जिसके बाद अब ये सदस्य भी मतदान कर सकेंगे। पहले, नियम 12 (ख) के तहत ऐसे सदस्यों को मताधिकार से वंचित किया गया था, जिनका पिछले तीन सालों में सहकारी समितियों से कोई लेन-देन नहीं हुआ।
हंसा दत्त पांडे ने कहा कि इस संशोधन के बाद सहकारी समितियों के करीब एक लाख निष्क्रिय सदस्य अब मतदान के अधिकार से वंचित नहीं रहेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार की ओर से पहली बार सहकारी समितियों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस बदलाव के बाद, प्रदेश में होने वाले सहकारी समितियों के चुनाव में निष्क्रिय सदस्य भी हिस्सा ले सकेंगे। मंत्रिमंडल की बैठक में नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, और अब निकाय चुनाव के बाद सहकारी समितियों के चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी।