उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने विधायक और उनके समर्थकों को बड़ी राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने यमुनोत्री विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक संजय डोभाल, बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल और उनके करीब 150 समर्थकों के खिलाफ दर्ज धरना प्रदर्शन मामले की जांच में राहत दी है। न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की एकलपीठ ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए सर्वोच्च न्यायालय के ‘अरनेश कुमार बनाम बिहार राज्य’ मामले के दिशा निर्देशों के आधार पर उनसे जांच में सहयोग करने को कहा है।
मामला तब शुरू हुआ जब सोशल मीडिया पर एक युवक की पुलिसकर्मियों द्वारा पिटाई का वीडियो वायरल हुआ। इसके विरोध में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, नगरपालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, नौगांव ब्लॉक प्रमुख अजवीन पंवार, कपिल रावत समेत समर्थकों ने बड़कोट में नेशनल हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। इससे हाईवे कई घंटों तक बंद रहा और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस प्रदर्शन के कारण 6 सितंबर को पुलिस ने विधायक संजय डोभाल, नगरपालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, अजवीन पंवार, कपिल देव रावत समेत 22 नामजद और करीब 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने व हाईवे जाम करने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
पुलिस की सूची में यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, नौगांव ब्लॉक प्रमुख अजवीन पंवार, वासुदेव डिमरी, कपिल रावत, सचिन राणा, चेतन सिंह रावत, और अन्य कई नाम शामिल हैं।
विधायक और उनके समर्थकों का कहना है कि पुलिस ने उनके एक समर्थक को रात करीब साढ़े 11 बजे उसके घर से उठाया था, जिसके विरोध में यह प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
गौरतलब है कि संजय डोभाल ने अपनी विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 22 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास पर प्रदर्शन के लिए कूच किया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें मसूरी में ही रोक लिया था।