उत्तराखण्ड कुमाऊं चुनाव हल्द्वानी

उत्तराखंड… चुनावी तैयारी तेज, ऑब्जर्वर करेंगे निगरानी

खबर शेयर करें -

उत्तराखंड में निकाय चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब सहकारिता चुनाव के सफल और विवाद रहित आयोजन के लिए सहकारिता विभाग ने जिम्मेदारियों का निर्धारण करना शुरू कर दिया है। चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने नैनीताल जिले में तहसील स्तर पर गतिविधियों की निगरानी के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है।

यह भी पढ़ें 👉  पहाड़ गाली सुनने के लिए नहीं बना!...मंत्री के बयान पर मचा बवाल, फाड़े कागज, गुस्से में कुर्सी से उठी विस अध्यक्ष

जिला प्रशासक और निबंधक, डीएस नपल्च्याल ने बताया कि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी और विवाद से बचने के लिए आठ ब्लाकों में सहायक विकास अधिकारियों को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ ही, तहसील स्तर पर अपर जिला सहकारी अधिकारी को भी ऑब्जर्वर की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।

यह भी पढ़ें 👉  वर्दी में रील!... एसएसपी ने लिया सख्त एक्शन

श्री नपल्च्याल ने यह भी कहा कि इन नियुक्तियों का उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुव्यवस्थित बनाना है। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि सहकारिता विभाग चुनाव को शांतिपूर्वक और बिना किसी विवाद के संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ऑब्जर्वर की नियुक्ति से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि चुनाव में किसी भी तरह की धांधली या अनियमितता न हो, और सभी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड में भीषण हादसा... कार के उड़े परखच्चे, चालक की मौत
हिल दर्पण डेस्क

हिल दर्पण डेस्क

About Author

"हिल दर्पण" उत्तराखण्ड तथा देश-विदेश की ताज़ा ख़बरों व समाचारों का एक डिजिटल माध्यम है। अपने विचार अथवा अपने क्षेत्र की ख़बरों को हम तक पहुंचानें हेतु संपर्क करें। धन्यवाद! Email: [email protected]

You may also like

उत्तराखण्ड धर्म/संस्कृति बागेश्वर

उत्तराखंड को माना जाता है शिवजी का ससुराल, यह है मान्यता      

खबर शेयर करें -उत्तराखंड में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं जिनके बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी
उत्तराखण्ड देहरादून मौसम

*मौसम विभाग की चेतावनी- पहाड़ों में होगी बारिश और बर्फबारी, कोहरे की आगोश में रहेंगे यह जिले*

खबर शेयर करें -देहरादून। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम बदलने को तैयार है। इस बीच उच्च हिमालयी क्षेत्रों में